New Delhi : कांग्रेस ने वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट को लेकर सरकार की धोखाधड़ी का सच सामने आया है.
मोदी सरकार न सिर्फ वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट के विश्लेषण को लेकर बेईमान रही, बल्कि उसने बौद्धिक बेईमानी की सारी हदें पार कर दीं।
— Congress (@INCIndia) July 7, 2025
लेकिन अब सरकार की इस धोखाधड़ी का सच सामने आ चुका है।
मोदी सरकार के इसी फ्रॉड पर कांग्रेस महासचिव (संचार) श्री @Jairam_Ramesh का वक्तव्य: pic.twitter.com/gcCMJKf3Qs
मोदी सरकार न सिर्फ वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट के विश्लेषण को लेकर बेईमान रही, बल्कि उसने बौद्धिक बेईमानी की सारी हदें पार कर दीं।
— Congress (@INCIndia) July 7, 2025
लेकिन अब सरकार की इस धोखाधड़ी का सच सामने आ चुका है।
मोदी सरकार के इसी फ्रॉड पर कांग्रेस महासचिव (संचार) श्री @Jairam_Ramesh का वक्तव्य: pic.twitter.com/gcCMJKf3Qs
जयराम रमेश ने रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि भारत में संपत्ति आधारित असमानता, आय आधारित असमानता से भी कहीं अधिक है.यह पिछले 11 वर्षों में सत्ता और पूंजी के गठजोड़ से कुछ चुनिंदा अमीरों को हुए भारी लाभ को साफ तौर पर दिखाती है.
जयराम रमेश ने केंद्र की मोदी सरकार पर विश्व बैंक की भारत के लिए गरीबी और समानता रिपोर्ट को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया. कहा कि गरीबी और असमानता बेहद चिंताजनक है.  28.1फीसदी भारतीय गरीबी में जी रहे हैं. अपने एक पोस्ट में  कांग्रेस ने पत्र का एक पैराग्राफ शेयर करते हुए लिखा कि विश्व बैंक ने अप्रैल 2025 में भारत के संदर्भ में अपनी गरीबी और समानता रिपोर्ट जारी की थी. 
रमेश ने लिखा कि रिपोर्ट आने के तीन महीने बाद, मोदी सरकार के ढोल बजाने वाले विश्व बैंक के आंकड़ों को तोड़-मरोड़कर यह दावा कर रहे हैं कि भारत दुनिया के सबसे समान समाजों में शामिल है. कांग्रेस ने लिखा कि 27 अप्रैल, 2025 को जारी एक बयान में हमने कुछ प्रमुख चिंताओं पर प्रकाश डाला था जो विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में उठाई थीं. लिखा कि ये चिंताएंअभी भी प्रासंगिक हैं,
 
जयराम रमेश ने भारत में बढ़ती असमानता पर चिंता जताते हुए कहा कि 2023-24 में, शीर्ष 10फीसदी  कमाई करने वालों ने निचले स्तर के10फीसदी लोगों की तुलना में 13 गुना अधिक कमाई की. चेताया कि सरकारी आंकड़ों में खामियां गरीबी और असमानता की असली स्थिति को छिपा सकती हैं. और यह नये गरीबी मानकों का उपयोग करने पर और भी बदतर हो जायेगी.
जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने विश्व बैंक की रिपोर्ट के आधार पर भ्रामक और दुष्प्रचार किया कि भारत दुनिया में चौथा सबसे समानता वाला समाज बन गया है. इस पर हमलावर होते हुए जयराम रमेश ने कहा कि सरकार(मोदी) ने जानबूझकर बौद्धिक बेईमानी की है. सच्चाई यह है कि भारतीय समाज दुनिया का चौथा नहीं 40वां सबसे असमानता वाला समाज है.
जयराम रमेश ने कहा कि पीआईबी को ऐसा दावा करने वाली प्रेस रिलीज वापस लेनी चाहिए. जान लें कि सरकार ने विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि भारत अब दुनिया के सबसे अधिक समानता वाले समाज में शामिल हो गया है.
अब भारत से ऊपर केवल स्लोवाक रिपब्लिक, स्लोवेनिया और बेलारूस हैं. रमेश ने मोदी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा, आप क्रोनोलॉजी समझिए. अप्रैल, 2025 में विश्व बैंक ने भारत के लिए अपनी पावर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ जारी की.
इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने एक बयान जारी कर उस रिपोर्ट में शामिल कई चेतावनी के संकेतों की ओर ध्यान दिलाया, जिनमें यह भी शामिल था कि भारत में गरीबी और असमानता को लेकर सरकारी आंकड़े वास्तविक स्थिति से कम दिखाते हैं.
                
                                        

                                        
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