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स्वामित्व दस्तावेज नहीं होने पर भी उपभोक्ता को मिलेगा प्रोविजनल बिजली कनेक्शन

  • एक क्षेत्र में अगर बिजली वितरण लाइसेंसी है तो उपभोक्त अपने पसंद के लाइसेंसी से ले सकते हैं कनेक्शन

Ranchi : राज्य में कोई भी व्यक्ति या संस्था जिनके पास परिसर का वैध अधिकार या स्वामित्व संबंधि दस्तावेज नहीं है वे भी सप्लाई कोड के प्रथम संशोधन रेगुलेशन 2019 के तहत दो किलोवाट तक का प्रोविजनल विद्युत कनेक्शन ले सकते हैं. 

 

झारखंड राज्य विद्युत निमायक आयोग ने इसकी गाईडलाइन जारी कर दी है. जारी गाइडलाइन  के अनुसार ऐसे क्षेत्र में जहां दो या दो से अधिक विद्युत वितरण कंपनियों का क्षेत्राधिकार है, वहां के विद्युत उपभोक्ता अपने पसंद के अनुसार विद्युत वितरण कंपनी से कनेक्शन ले सकते हैं. 

 

30 दिनों के अंदर नया बिजली कनेक्शन देना अनिवार्य

बिजली का नया कनेक्शन लेने के लिए विद्युत वितरण लाइसेंसी को आवेदन देने के 30 दिन के अंदर बिजली कनेक्शन देना अनिवार्य है. यदि उपभोक्ता के परिसर में बिजली बाधित या कट गया है तो वितरण वितरण के शिकायत केंद्र में शिकायत करे.

 

यदि  निर्धारित समय के अंदर शिकायत का निपटारा नहीं होता है तो आयोग द्वारा बनाये गये स्टैर्डेड ऑफ पॉरफोरमेंस रेगुलेशन में निर्धारित हर्जाना उपभोक्ता को मिलेगा. 

 

वहीं, हर विद्युत उपभोक्ता को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग सप्लाई कोड रेगुलेशन के प्रावधान के तहत जमानत राशि पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बेस रेट पर वितरण कंपनी से सालाना ब्याज प्राप्त करने का अधिकार है.

 

बिजली उपभोक्ताओं को ये भी दिए गए हैं अधिकार

•    बिजली बिल: हर विद्युत वितरण कंपनी को प्रत्येक माह उपभोक्ता को बिजली बिल देना अनिवार्य है.

•    बकाया राशि: विद्युत अधिनियम 2003 की धारा - 56 (2) के तहत दो वर्षों से अधिक अवधि का विद्युत बकाया राशि कालबाधित हो जाती है.

•    फ्यूज ठीक करना: ट्रांसफॉर्मर में साधारण फ्यूज उड़ने पर: शहरी क्षेत्र में अधिकतम 4 घंटे के भीतर और ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 24 घंटे के भीतर ठीक करना है.

•    मुआवजा: यदि उपरोक्त समय सीमा में फ्यूज ठीक नहीं किया जाता है तो प्रत्येक प्रभावित उपभोक्ता को मुआवजा मांगने पर 25 रुपये प्रतिदिन की दर से वितरण कंपनी द्वारा देय होगी.

•    ट्रांसफॉर्मर बदलना: त्रुटिपूर्ण या जले हुए ट्रांसफॉर्मर को: शहरी क्षेत्र में अधिकतम 24 घंटे के भीतर और ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 48 घंटे के भीतर बदल देना है.

•    हर्जाना: यदि उपरोक्त समय सीमा में ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला जाता है तो मुआवजा मांगने पर प्रत्येक उपभोक्ता को 25 रुपये प्रतिदिन की दर से हर्जाना वितरण कंपनी द्वारा देय होगी.

 

झारखंड में ये कंपनियां करती हैं बिजली सप्लाई

•    झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम
•    टाटा स्टील लिमिटेड
•    सेल बोकारो
•    जुस्को
•    दामोदर घाटी कॉरपोरेशन(डीवीसी)

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