Ranchi : झारखंड में सरकारी भवन निर्माण से जुड़े संवेदकों को लंबे समय से भुगतान न मिलने की समस्या सामने आई है. इसी को लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने चिंता जताई है और राज्य सरकार से जल्द समाधान की मांग की है.
चैंबर ने मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव और संबंधित विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर बताया है कि भवन निर्माण निगम के जरिए पूरे हो चुके कई निर्माण कार्यों का अंतिम भुगतान अब तक नहीं हुआ है. इसके साथ ही सिक्योरिटी मनी की वापसी और समय बढ़ाने से जुड़ी स्वीकृत राशि भी लंबित है.
चैंबर के अनुसार, झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम के गठन से पहले शुरू हुए कई काम बाद में निगम को सौंप दिए गए थे, लेकिन संबंधित विभागों में रखी गई राशि निगम को नहीं दी गई. इससे अंतिम बिल और जमानत की रकम कोषागारों में फंसी हुई है.
कई विभागों में अब न तो इंजीनियरिंग सेल है और न ही डीडीओ, जिस कारण भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह रुक गई है. इस वजह से करोड़ों रुपये अटके हुए हैं और संवेदक आर्थिक तंगी झेल रहे हैं.
चैंबर ने मांग की है कि विभिन्न विभागों में पड़ी जमानत राशि, समय-वृद्धि की कटौती और बची हुई धनराशि को तुरंत झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के खाते में भेजा जाए, ताकि संवेदकों को उनका बकाया पैसा मिल सके.
चैंबर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि संवेदकों ने राज्य में निर्माण कार्य समय पर और अच्छी गुणवत्ता के साथ पूरे किए हैं, लेकिन काम खत्म होने के बाद भी भुगतान का इंतजार करना चिंता की बात है. सरकार को इस दिशा में तुरंत कदम उठाना चाहिए.
महासचिव रोहित अग्रवाल ने कहा कि लगातार संवेदकों से शिकायतें मिल रही हैं. भुगतान में देरी से वे गंभीर आर्थिक संकट में हैं यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो इसका असर राज्य में चल रहे और आने वाले निर्माण कार्यों पर पड़ेगा. इस मुद्दे पर चैंबर भवन में हुई बैठक में चैंबर के कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे और सभी ने एक स्वर में जल्द कार्रवाई की मांग की.
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