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स्वदेशी अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में दें योगदान: बाबूलाल मरांडी

Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेश अभियान की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने स्टिकर, पोस्टर और शपथ पत्र का विमोचन किया.


मरांडी ने कहा कि अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर और भारतीय उद्यमियों व कारीगरों का समर्थन करके हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं.

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वदेशी का उपयोग आवश्यक है.

 

उन्होंने कहा कि स्वदेशी आंदोलन की जड़ें बहुत पुरानी हैं. वर्ष 1905 में बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल, अरविंद घोष और लाला लाजपत राय जैसे नेताओं ने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और देशी उत्पादों के उपयोग का आह्वान किया था.

 

मरांडी ने कहा कि आज भारत निर्माण के क्षेत्र में शक्ति के केंद्र के रूप में उभर रहा है. वर्ष 2014 में देश में मोबाइल निर्माण की केवल दो फैक्ट्रियां थीं, जबकि आज 300 से अधिक यूनिट संचालित हो रही हैं. 

 

भारत में बिकने वाले मोबाइल फोन का 99.2 प्रतिशत अब मेड इन इंडिया है. पहले खिलौनों का अधिकांश आयात विदेशों से होता था, लेकिन अब आयात में 52 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि निर्यात में 249 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

 

उन्होंने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है. ट्रैक्टर निर्माण में भारत विश्व में पहले स्थान पर, बस निर्माण में दूसरे स्थान पर और हेवी ट्रक उत्पादन में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. 

 

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7.55 से 7.65 लाख पैसेंजर व्हीकल यूनिट्स का निर्यात हुआ है, जो 2023-24 की तुलना में 12 से 14 प्रतिशत अधिक है. इस क्षेत्र में 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

 

मरांडी ने बताया कि भारत अब विश्व का छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है. रक्षा क्षेत्र में भी भारत ने ऐतिहासिक प्रगति की है. वर्ष 2013-14 में जहां 866 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात होता था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. रक्षा क्षेत्र में कई स्वदेशी प्रणालियों का विकास किया गया है.

 

उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व की जेनेरिक दवाओं का 20 प्रतिशत और वैश्विक वैक्सीन का 60 प्रतिशत उत्पादन करता है. भारतीय दवाएं और वैक्सीन आज 200 से अधिक देशों में पहुंच रही हैं. डिजिटल इंडिया के तहत भी बड़ी प्रगति हुई है. वर्ष 2014 में जहां 25 करोड़ 15 लाख लोग डिजिटल सेवाओं से जुड़े थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 98 करोड़ हो गई है. मरांडी ने कहा कि स्वदेशी के माध्यम से भारत आर्थिक, तकनीकी और औद्योगिक रूप से आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से अग्रसर है.

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