Ranchi : माकपा ने राज्य में विस्थापन आयोग का गठन, लैंड बैंक को रद्द करने, जमीन के डिजिटल रिकॉर्ड में सुधार करने, पेसा की नियमावली लागू करने और शिक्षा विभाग में 2742 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग को लेकर 1 से 15 सितंबर तक राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
यह निर्णय आज संपन्न हुई माकपा की दो दिवसीय राज्य कमिटी बैठक में लिया गया. बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी पोलिट ब्यूरो सदस्य और राज्य के नए प्रभारी तपन सेन ने कहा कि सांप्रदायिक और कार्पोरेट गठजोड़ देश के प्राकृतिक संसाधनों की लूट कर रहा है. इसके खिलाफ मजदूरों और किसानों द्वारा की गई देशव्यापी कार्रवाई प्रतिरोध की एक नयी गाथा है.
तपन सेन ने कहा कि भाजपा को एनकाउंटर पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है. बैठक में राज्य कमिटी ने सूर्या हांसदा की एनकाउंटर में मौत और रिम्स-2 के मुद्दे पर विधानसभा सत्र को बाधित करने के भाजपा के रवैये को राजनीतिक नौटंकी करार दिया.
राज्य कमिटी ने कहा कि यदि रैयतों को रिम्स-2 के निर्माण से आपत्ति है तो उसका निर्माण किसी अन्य स्थान पर कराया जाए. सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर पार्टी ने कहा कि यह उचित नहीं था और सरकार ने इसकी सीआईडी जांच का आदेश दिया है. वहीं भाजपा द्वारा इसे महिमामंडित करना अवसरवादी राजनीति का परिचायक बताया गया.
माकपा राज्य कमिटी ने झारखंड सरकार से विस्थापन आयोग गठन की प्रक्रिया शुरू करने और लैंड बैंक को रद्द करने की अधिसूचना जारी करने की मांग दोहराई. बैठक में पाकुड़ और दुमका जिलों में कोयला परिवहन से उत्पन्न प्रदूषण, चौपट होती खेती और बढ़ती दुर्घटनाओं पर कारगर हस्तक्षेप की रणनीति पर भी चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता सुरजीत सिन्हा ने की.
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