Ranchi : भाकपा माले और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज झारखंड मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंचा और चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को वापस लेने और मतदाता सूची की गड़बड़ियों के खिलाफ आपत्ति जताई गई.
भाकपा माले के नेतृत्व में यह कार्यक्रम 9 से 11 अगस्त तक चल रहे देशव्यापी अभियान का हिस्सा था. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलकर मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपते हुए चुनाव प्रक्रिया और आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए.
SIR की प्रक्रिया पर उठे सवाल
भाकपा माले का कहना है कि बिहार चुनाव से ठीक पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान लगभग 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं. इन नामों और हटाने के कारणों को सार्वजनिक नहीं किया गया जिससे मतदाताओं के मन में गहरी आशंका उत्पन्न हुई है.
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए मतदाता सूची के आंकड़ों की गहन पड़ताल की थी और इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया. भाकपा माले का कहना है कि किसी नागरिक को मताधिकार से वंचित करना या फर्जी मतों को तैयार करना लोकतंत्र की जड़ों पर आघात है.
भाकपा माले की मांगें
- बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को तुरंत वापस लिया जाए.
- मतदाता सूची की पठनीय डिजिटल कॉपी नागरिकों को उपलब्ध कराई जाए.
- चुनाव आयोग फर्जी मतदाताओं के पंजीकरण पर उठ रहे सवालों का स्पष्टीकरण दे.
- मतदान की सीसीटीवी फुटेज के लिए 45 दिनों की समय सीमा को हटाया जाए और इसे जनता के लिए उपलब्ध कराया जाए.
निष्पक्ष चुनाव की अपील
प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से अपील की कि वह चुनावों की निष्पक्षता बनाए रखे और जनता का विश्वास बहाल करने के लिए तुरंत कदम उठाए. यह भाकपा माले के राज्य सचिव मनोज भक्त, पोलित ब्यूरो सदस्य हल्धर महतो, पूर्व विधायक विनोद सिंह, राजकुमार यादव, आरवाईए महासचिव नीरज कुमार और अन्य नेताओं की उपस्थिति में हुआ.
कई सामाजिक कार्यकर्ता और नेताओं ने भी इस ज्ञापन में अपनी भागीदारी दर्ज की, जिसमें जनाधिकार मंच के फादर टोनी, फादर टॉम, सीपीआई के अजय सिंह, और कई अन्य कार्यकर्ता शामिल थे.
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