Ranchi: धुर्वा स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर में शुक्रवार को रथयात्रा के पावन अवसर पर आस्था का अद्भुत जनसैलाब उमड़ा. भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भव्य रथयात्रा मंदिर परिसर से विधिपूर्वक निकाली गई. रथ खींचने और भगवान के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे, जिससे पूरा बड़कागढ़ क्षेत्र भक्तिभाव और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो उठा.
सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी. जैसे ही निर्धारित समय पर मंदिर के पट खोले गए, दोपहर बाद सबसे पहले भगवान गरुड़ की प्रतिमा को मंदिर से बाहर लाया गया. इसके बाद विशेष विधि-विधान के साथ भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को पुजारियों द्वारा बाहर लाया गया.
ढोल-नगाड़ों, भेर और शंखध्वनि के बीच तीनों विग्रहों को भक्तों के जयघोष के साथ रथ पर विधिपूर्वक विराजमान कराया गया. मंदिर से लगभग 200 मीटर दूर एक विशाल रथ खड़ा था, जहां भक्तों की जय-जयकार और पारंपरिक संगीत की गूंज के बीच भगवान की प्रतिमाओं को रथ तक ले जाकर स्थापित किया गया.
वहां लगभग एक घंटे तक मंत्रोच्चार और विशेष पूजन हुआ. इसके बाद जैसे ही रथयात्रा प्रारंभ हुई, 'जय जगन्नाथ' के नारों से आकाश गूंज उठा और हजारों श्रद्धालु मौसीबाड़ी की ओर कूच कर गए. रथ खींचने को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया. कई श्रद्धालु नंगे पांव रथ खींचते नजर आए.
यात्रा मार्ग में जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए थे. जहां श्रद्धालुओं के लिए जल, शरबत और प्रसाद वितरित किया गया. मौसीबाड़ी पहुंचने पर भगवान का स्वागत विशेष पूजा-अर्चना और आरती के साथ किया गया. यहां तीनों विग्रह एक सप्ताह तक विश्राम करेंगे और फिर आगामी 6 जुलाई को पुनः मंदिर लौटेंगे.
                
                                        

                                        
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