Ranchi : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) में आयोजित 7 दिवसीय राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ. यह कार्यक्रम 9 से 17 सितंबर 2025 तक चला, जिसमें विभिन्न विभागों से कुल 224 सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया.कार्यक्रम का उद्देश्य कर्मचारियों को नागरिक-केंद्रित शासन, सेवा में उत्कृष्टता और पेशेवर नैतिकता जैसे मूल्यों से सशक्त बनाना था.
समापन सत्र में कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने अपने भाषण में कहा भक्ति योग, ज्ञान योग और कर्म योग के समन्वय से ही हम कर्मयोगी बन सकते हैं और इस तरीके से हम एक सशक्त और विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय को प्रोडक्टिविटी और आउटकम के साथ-साथ इमोशनल और सोशल कोशेंट पर भी काम करना चाहिए ताकि देश का सर्वांगीण विकास हो सके.कुलसचिव के कोसल राव ने कहा सरकारी कार्य को रूल-आधारित नहीं बल्कि रोल-आधारित दृष्टिकोण से देखना होगा ताकि राष्ट्र का विकास सही दिशा में हो.
कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर अब्दुल हलीम ने बताया कि भारत सरकार के इस कार्यक्रम के तहत देश भर के 15,000 मास्टर ट्रेनरों को 7 लाख सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार किया गया है. इसके अंतर्गत सीयूजे के चार अधिकारियों ने गुवाहाटी में प्रशिक्षण लिया और वहां से सीयूजे के 224 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया.
सीयूजे के कुल 224 कर्मचारियों में से 126 प्रोफेसर और 98 गैर-शिक्षण कर्मचारी शामिल थे. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने कर्मचारियों को एक कुशल, सहानुभूतिपूर्ण और सेवा-उन्मुख कार्यबल में बदलने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया.कार्यक्रम में सीयूजे के विभिन्न मास्टर ट्रेनरों द्वारा व्याख्यान, केस स्टडीज़, समूह गतिविधियां और गेमीफाइड मॉड्यूल्स का आयोजन किया गया जिससे एक इंटरएक्टिव और गहन शिक्षण वातावरण तैयार हुआ. इस दौरान कार्यक्रम के प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट प्रतिक्रिया दी और इसे बेहद सकारात्मक अनुभव बताया.
कुलपति ने अंत में सभी मास्टर ट्रेनरों का धन्यवाद करते हुए उन्हें शॉल भेंट कर सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रणय पराशर ने किया और अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर डॉ शशि सिंह ने किया. धन्यवाद ज्ञापन श्री अब्दुल हलीम ने दिया.कार्यक्रम के समापन पर सीयूजे ने यह स्पष्ट किया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने विश्वविद्यालय को न केवल सेवा उत्कृष्टता के लिए तैयार किया है बल्कि यह राष्ट्रीय कर्मयोगी मिशन के तहत भारत के सरकारी कर्मचारियों को समर्पित नागरिक सेवा के लिए प्रेरित करने में भी सफल रहा है
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