Ranchi: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान श्रृंखला के तहत आज “हंगरी में गौरव यात्रा और राजनीतिक गतिशीलता: अधिकार, विरोध प्रदर्शन और उनका वैश्विक प्रभाव” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर विभाग के शोधार्थी ऋषि मरांडी ने मुख्य वक्ता के रूप में हंगरी में एलजीबीटीक्युए+ समुदाय की पहचान, उनके अधिकारों की लड़ाई, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया कि यूरोप में विशेष रूप से हंगरी में गौरव यात्राएं (Pride Marches) सामाजिक स्वीकृति और अधिकारों की मांग का प्रतीक बन चुकी हैं.
ऋषि ने कहा कि वर्तमान में विक्टर ओर्बन के नेतृत्व वालीफिडेज पार्टी की सरकार ने पारंपरिक मूल्यों के नाम पर समलैंगिक समुदाय के अधिकारों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रवृत्ति केवल हंगरी तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देशों में दक्षिणपंथी राजनीति के उभार के साथ इस तरह की नीतियां देखने को मिल रही हैं.
व्याख्यान के दौरान विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ अपर्णा, डॉ अशोक निमेष, डॉ बिभूति भूषण बिस्वास, डॉ सुभाष कुमार बैठा, तथा विभागाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार गुप्ता सहित अनेक शिक्षक, शोधार्थी और छात्र उपस्थित रहे.
कार्यक्रम के अंत में डॉ बिभूति भूषण बिस्वास ने व्याख्यान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे विषयों पर विमर्श समाज में समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने ऋषि मरांडी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति की घोषणा की.
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