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दामोदर नदी उफान पर, झमाडा जल संयंत्र पर संकट, 12 लाख लोगों की जलापूर्ति खतरे में

Dhanbad :  जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते नदी, नाले और डैमों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. तेनुघाट डैम से पानी छोड़े जाने के कारण दामोदर नदी और अधिक उफान पर है, जिससे जनजीवन के साथ-साथ जलापूर्ति व्यवस्था पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. तेनुघाट डैम के गेट खोले जाने के बाद विशेष रूप से झरिया के जामाडोबा स्थित झमाडा (JHAMADA) जल शोधन संयंत्र के पास दामोदर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. गुरुवार देर रात अचानक जलस्तर में तेजी से वृद्धि देखी गई, जिसके बाद झमाडा संयंत्र से होने वाली जलापूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है.

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जलापूर्ति हो रही पर, धीमी प्रक्रिया से

झमाडा कर्मचारी शमशेर हालखोर ने बताया कि गुरुवार देर रात नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ा. लेकिन सतर्कता के चलते समय रहते पंपिंग सिस्टम को ऊपर शिफ्ट कर लिया गया और नदी से बहकर आए कचरे की भी सफाई कर दी गई है.  जलस्तर बढ़ने के कारण संयंत्र में लगे चार पंप (संख्या 5, 6, 8 और 9) को एक-एक कर बारी-बारी से चलाया जा रहा है. जिससे जल संग्रहण और आपूर्ति की प्रक्रिया धीमी हो गई है.

 

भविष्य में जल संकट की चेतावनी

शमशेर ने कहा कि अगर बारिश यूं ही जारी रही, तो जलापूर्ति पूरी तरह बाधित हो सकती है. विभागीय अधिकारी और कर्मचारी जल संकट से निपटने के लिए लगातार निगरानी कर रहे हैं और आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखने की पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने आम नागरिकों से जल का संयमित उपयोग करने की अपील की है. 

 

12 लाख लोगों की जलापूर्ति हो सकती प्रभावित

बता दें कि जामाडोबा का यह संयंत्र झरिया विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ पुटकी और केंदुआ इलाकों को भी पेयजल आपूर्ति करता है. ऐसे में जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से इन क्षेत्रों में जल संकट की आशंका गहराने लगी है. अनुमान है कि इससे लगभग 12 लाख लोगों की जलापूर्ति प्रभावित हो सकती है.

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