New Delhi : दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा आज मंगलवार को दिल्ली दंगे(2020) के साजिशकर्ता उमर ख़ालिद, शरजील इमाम सहित सात अन्य अभियुक्तों की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दिये जाने की खबर आयी है. इन सभी पर ग़ैर क़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद के आरोप लगे हैं. ये सभी दिल्ली दंगे की साज़िश का हिस्सा थे.
जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की बेंच ने ज़मानत याचिका ख़ारिज की है. जिनकी ज़मानत याचिका खारिज हुई है, उनमें शरजील इमाम, उमर ख़ालिद, गुलफिश फ़ातिमा, अतर ख़ान, अब्दुल खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम ख़ान, शिफा-उर-रहमान, मीरान हैदर और शादाब अहमद शामिल हैं. इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट की एक अन्य बेंच ने इस मामले में तसलीम अहमद की ज़मानत याचिका रद्द कर दी.
अभियुक्तों की ओर से कोर्ट में दलील दी गयी थी कि उन्हें बिना मुक़दमे के पांच साल से जेल में रखा गया है. अभी तक ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को इसी मामले में ज़मानत दी जा चुकी है. इसी आधार पर बाक़ी अभियुक्तों को भी ज़मानत मिलनी चाहिए.
दरअसल इन आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट द्वारा ज़मानत देने से इनकार करने पर दिल्ली हाई कोर्ट में गुहार लहाई थी, दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 जुलाई को सुनवाई के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.
ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि शरजील इमाम और उमर खालिद की भूमिकाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. नागरिकता संशोधन क़ानून पास होने के तुरंत बाद इन दोनों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए, पैम्फलेट बांटे और मुस्लिम बहुल इलाकों में चक्का जाम सहित विरोध की अपील की.
दिल्ली पुलिस के अनुसार इन लोगों ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के विरोध के दौरान फ़रवरी 2020 में दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की साज़िश रची थी.
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