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राष्ट्रपति ने रांची विवि के दिवाकर और दीक्षा को NSS अवॉर्ड से सम्मानित किया

New Delhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थिय विमेंस कॉलेज की दीक्षा कुमारी और डोरंडा कॉलेज के दिवाकर आनंद  को एनएसएस अवॉर्ड से सम्मानित किया है. दोनों कैडेट्स को यह पुरस्कार सामाजिक उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है.

 

अब तक झारखंड के 15 एनएसएस कैडेट्स को राष्ट्रपति सम्मान मिल चुका है. इस बार रांची विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों का चयन होना राज्य के लिए गर्व का क्षण है. विश्वविद्यालय से अब तक तीन छात्रों को यह राष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है.

 

दिवाकर आनंद ने  सामाजिक और पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, रक्त दान शिविर में प्रतिभाग कर स्वयं 4 बार रक्तदान किया, डिजिटल साक्षरता, उज्जव आयोजन, pm जीवन बीमा योजना, pocso अधिनियम और  एकल युक्त प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान जैसे विभिन जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिये भागीदारी की. दीक्षा कुमारी ने pm जीवन बीमा योजना pm सुरक्षा बीमा योजना जैसी की योजनाओ में प्रचार प्रसार किया. 680 वृक्षारोपण किए गए.


राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) झारखंड में समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण की एक मजबूत धारा बन चुकी है. फिलहाल राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से जुड़े लगभग 58,000 वॉलिंटियर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं. देशभर के 33 लाख वॉलिंटियरों में झारखंड लगातार टॉप 10 राज्यों में शामिल रहता है.

 

झारखंड में एनएसएस का व्यापक नेटवर्क

रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय और सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय समेत सभी शिक्षण संस्थानों में एनएसएस की इकाइयां कार्यरत हैं. सिर्फ रांची में ही 102 इकाइयों में 10,000 से अधिक वॉलिंटियर जुड़े हैं. प्रत्येक इकाई में करीब 100 छात्र-छात्राएं समाजहित के कार्यक्रमों में सक्रिय रहते हैं.

 

एनएसएस के तहत छात्रों का कार्यकाल दो वर्ष का होता है. इस दौरान उन्हें सात दिन का अनिवार्य विशेष शिविर करना पड़ता है, जिसमें ग्रामीण इलाकों को 'गोद ग्राम' घोषित कर वहां पौधारोपण, स्वच्छता अभियान, रक्तदान और शिक्षा-स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसके अलावा, एनएसएस वॉलिंटियर आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन और नशामुक्त भारत अभियान जैसे राष्ट्रीय अभियानों में भी अहम योगदान देते हैं.


एनएसएस से जुड़े विद्यार्थी केवल समाजसेवा ही नहीं सीखते, बल्कि नेतृत्व, टीमवर्क और सामाजिक संवेदनशीलता जैसी क्षमताएं भी विकसित करते हैं. राज्य समन्वयक के अनुसार - युवा ही राष्ट्र की असली शक्ति हैं और एनएसएस उन्हें यह सिखाता है कि राष्ट्र निर्माण केवल नारों से नहीं, बल्कि समाज में सक्रिय भागीदारी से होता है.

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