मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेसियों का प्रदर्शन
Deoghar : मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में देवघर के टावर चौक स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष सोमवार को कांग्रेसियों ने धरना-प्रदर्शन किया. जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकुन्द दास के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मुकुन्द दास ने कहा कि मनरेगा का नाम बदलना कानून की आत्मा पर सीधा हमला है. मनरेगा कोई साधारण योजना नहीं, बल्कि संसद द्वारा पारित एक कानूनी अधिकार है. यह महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज, श्रम की गरिमा और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की परिकल्पना पर आधारित है. इसका नाम बदलना गांधीजी के योगदान को मिटाने और उनके विचारों का अपमान करने जैसा है.
जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष डॉ. मुन्नम संजय ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से किसानों व मजदूरों के अधिकारों पर लगातार हमला किया जा रहा है. यह सरकार केवल नाम बदलने की राजनीति कर रही है. पहले किसान विरोधी तीन काले कानून लाए गए, जिन्हें देशव्यापी विरोध के बाद वापस लेना पड़ा. अब मनरेगा जैसे मजदूर हितैषी कानून को कमजोर करने के उद्देश्य से उसका नाम बदला जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कोरोना काल में मनरेगा ने करोड़ों परिवारों को जीवनदान दिया. यह योजना देश की आवश्यकता है. इसे कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत करने की जरूरत है.
धरना-प्रदर्शन में प्रदेश सचिव नागेश्वर सिंह, जिला महासचिव दिनेश कुमार मंडल, विवेक मिश्रा, मणिकांत यादव, नगर अध्यक्ष रवि केशरी, सौरभ दास, राजीव रंजन उर्फ गुलाब यादव, हेमंत चौधरी, नकुल दास, आशिष भारद्वाज, आदर्श केशरी, संजीव यादव, शैफ दानिश, विकास राउत, लालू भोक्ता, विजय वर्मा, बाबा यादव, अजय कुमार पंकज, शंभू पाठक, मिथिलेश कुमार यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे.
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