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देवघर :  स्वास्थ्य व्यवस्था ही बीमार, गर्भवती को ई-रिक्शा से अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन

Deoghar :    जिले में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई है. पालोजोरी प्रखंड के सगराजोर गांव निवासी चांद बाबू को अपनी गर्भवती पत्नी प्रतिमा देवी को अस्पताल लाने के लिए ई-रिक्शा (टोटो) का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि 108 एंबुलेंस और ममता वाहन सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी.

 

परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार 108 एंबुलेंस और ममता वाहन के नंबर पर फोन किया, लेकिन किसी ने रिस्पॉन्ड नहीं किया. मजबूरन उन्हें निजी ई-रिक्शा से प्रतिमा देवी को पालोजोरी सीएचसी लाना पड़ा.

चांद बाबू ने कहा कि अगर समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते, तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मरीजों के लिए बनाई गई सरकारी सेवाएं सिर्फ नाम की रह गई हैं.

गौरतलब है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री लगातार विभाग में सुधार और सक्रियता की बात करते रहे हैं. बावजूद इसके, जमीनी स्तर पर न तो 108 एंबुलेंस सेवा सुचारू है, न ही ममता वाहन समय पर उपलब्ध हो रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग ऐसे मामलों को सामान्य बताकर पल्ला झाड़ लेता है, जबकि ग्रामीणों को असुविधा का सामना करना पड़ता है.

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