Palamu : जिले के विश्रामपुर प्रखंड अंतर्गत लालगढ़ गांव में न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का मामला सामने आया है. उच्च न्यायलय के आदेश के 11 माह बाद भी विवादित भूमि से अवरोध नहीं हटाया गया है. यह मामला खाता संख्या 141, प्लॉट 1371, रकबा 0.01 डिसमिल और खाता संख्या 66, प्लॉट 1372, रकबा 0.01 डिसमिल से जुड़ा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस भूमि पर बने अवरोध को हटाने के लिए निचली अदालत ने 10 मई 2023 को आदेश पारित किया था. निचली अदालत के आदेश के खिलाफ विरोधी पक्ष (इंदेश ओझा, विद्यार्थी ओझा, राम प्यारी ओझा, त्रिभुवन ओझा, त्रिवेणी ओझा और राजा ओझा) ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट संख्या 769/2023 दायर की थी.
इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 6 फरवरी 2025 को याचिका खारिज कर दी और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा. इसके बाद मई 2025 में उच्च न्यायालय के आदेश और सदर कार्यपालक दंडाधिकारी के निर्देश पर विपक्षी को 15 दिनों के भीतर अवरोध हटाने का नोटिस जारी किया. इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया.
13 नवंबर 2025 को अंतिम नोटिस जारी करते हुए सात दिनों के भीतर अवरोध हटाने का निर्देश दिया गया. नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि आदेश की अवहेलना की जाती है तो न्यायालय अपने स्तर से अवरोध हटवाएगी, जिसका समस्त खर्च द्वितीय पक्ष से वसूला जाएगा.
इस संबंध में प्रथम पक्ष के राजेंद्र कुमार ओझा ने बताया कि आदेशों के बावजूद विपक्षी पक्ष ने अवरोध नहीं हटाया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में विवादित भूमि त्रिवेणी ओझा के हिस्से में है, जहां अवरोध खड़ा कर रास्ता पूरी तरह बाधित कर दिया गया है.
राजेंद्र कुमार ओझा ने आरोप लगाया कि विपक्षी पक्ष न्यायालय के किसी भी आदेश का पालन करने को तैयार नहीं हैं. इस पूरे प्रकरण ने न्यायिक आदेशों की अवहेलना और प्रशासनिक कार्रवाई सवाल खड़े कर दिए हैं.
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