Ranchi : केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने आज सांसद कार्यालय में एक प्रेस वार्ता कर झारखंड में होने वाले अब तक के सबसे बड़े मैराथन की घोषणा की.उन्होंने बताया कि विकसित भारत 2047 स्वदेशी मैराथन का आयोजन 12 अक्टूबर को रांची में किया जाएगा.
यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विज़न को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है.मैराथन में सभी धावक राष्ट्रीय ध्वज के साथ दौड़ते हुए स्वदेशी अपनाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेंगे.
मैराथन की शुरुआत मोरहाबादी मैदान के गोराउंड से होगी. वहां से यह रूट निम्नानुसार रहेगा:
. मोरहाबादी से उपायुक्त आवास
. वहां से मछलीघर, गवर्नर हाउस,
. फिर जस्टिस शहडो चौक से दाहिने,
. प्रेसन चौक से दाहिने,
. सिद्धू-कान्हू पार्किंग से होते हुए
. पुनः मोरहाबादी मैदान तक लौटेगा.
यह पूरा मार्ग लगभग साढ़े तीन किलोमीटर (3.5 km) का होगा.
मंत्री संजय सेठ ने बताया कि इस मैराथन में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी होगी. इनमें शामिल हैं
. कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं
. स्पोर्ट्स पर्सन और इलीट एथलीट्स
. एनसीसी (NCC) और एनएसएस (NSS) के कैडेट्स
. माय भारत संगठन के स्वयंसेवक
. सामाजिक संस्थाओं के सदस्य
. कामकाजी महिलाएं और पुरुष
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 10,000 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है या रुचि दिखाई है.संजय सेठ ने बताया कि उन्होंने झारखंड के राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे इस स्वदेशी मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करें.
कार्यक्रम में कारगिल के वीर शहीद विजेंद्र यादव के माता-पिता विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, जो इस आयोजन में देशभक्ति की भावना को और प्रबल बनाएंगे.पूरे मैराथन मार्ग पर विभिन्न संस्थान और सामाजिक संगठन सेवा में लगे रहेंगे.धावकों का स्वागत पुष्पवर्षा के माध्यम से किया जाएगा.स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुरुनानक हॉस्पिटल और मोदी सेवासदन द्वारा मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे.
प्रेस वार्ता में मौजूद ओलंपिक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि इस आयोजन में राज्य के इलीट एथलीट्स भी हिस्सा लेंगे.उन्होंने कहा हम पूरी तरह तैयार हैं. किसी प्रतिभागी को तकनीकी या मेडिकल समस्या नहीं आने देंगे.हमारी टीमें मौके पर मौजूद रहेंगी.
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड की खेल परंपरा देश में हमेशा मजबूत रही है. यह मैराथन उस परंपरा को नया आयाम देगा. उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में राज्य में नेशनल लेवल मैराथन भी आयोजित की जाए चाहे राज्य स्थापना दिवस पर या किसी विशेष अवसर पर ताकि यह आयोजन नियमित परंपरा का रूप ले सके.
मंत्री संजय सेठ ने कहा कि इस मैराथन का उद्देश्य लोगों में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की भावना जगाना है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है कि भारत 2047 तक पूरी तरह विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बने.यह मैराथन उसी दिशा में एक कदम है स्वदेशी अपनाओ, देश को आत्मनिर्भर बनाओ.यह आयोजन झारखंड के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा मैराथन होने वाला है.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.
Leave a Comment