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धनबाद : केंदुआडीह में जहरीली गैस से एक और मौत, BCCL प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश

  • केंदुआडीह में जहरीली गैस का तांडव
  • नींद में ही थम गईं सुरेंद्र की सांसें
  • BCCL प्रबंधन के खिलाफ भारी आक्रोश

Dhanbad :   जिले के केंदुआडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत नया धौड़ा इलाके में जहरीली गैस रिसाव ने एक बार फिर कहर बरपाया है. सुरेंद्र सिंह (40 वर्षीय) की संदिग्ध परिस्थितियों में  मौत के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत और तनाव का माहौल है. स्थानीय निवासियों ने बीसीसीएल (BCCL) प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि बीसीसीएल की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है.

 

सुरेंद्र सिंह रात में सोने के बाद उठे ही नहीं 

स्थानीय लोगों के अनुसार, जनता मजदूर संघ के सदस्य सुरेंद्र सिंह सोमवार की रात अपने कमरे में सोए थे. मंगलवार सुबह जब काफी देर तक वे नहीं जागे तो परिजनों ने उन्हें उठाने की कोशिश की.

 

शरीर में कोई हलचल न देख परिजन आनन-फानन में उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SNMMCH) ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

 

​स्थानीय लोगों का दावा है कि क्षेत्र में फैल रही जहरीली गैस के कारण दम घुटने से उनकी जान गई है. हालांकि मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा.

पीड़ित परिवार से मिले पूर्व विधायक

इधर घटना की सूचना मिलते ही झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अस्पताल पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और बीसीसीएल प्रबंधन को आड़े हाथों लिया.

 

उन्होंने कहा कि गैस रिसाव की समस्या सालों पुरानी है. लेकिन प्रबंधन केवल कागजी कार्रवाई में जुटा है. धरातल पर सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं, जिससे मासूम लोग अपनी जान गंवा रहे हैं.

 

प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल

​स्थानीय निवासी मोहम्मद जाहिद ने भी प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं. उनका कहना है कि गैस रिसाव रोकने के लिए अब तक 6 बोरिंग होल किए गए हैं. लेकिन केवल 2 में ही नाइट्रोजन फिलिंग की गई है. इस कछुआ गति से किए जा रहे काम का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहा है और लोग मौत के साये में जीने को मजबूर हैं.

 

बीसीसीएल की सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल

बता दें कि केंदुआडीह में गैस रिसाव का मुद्दा अब जानलेवा साबित हो रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक जहरीली गैस के प्रभाव से दो महिलाओं और एक पुरुष (सुरेंद्र सिंह) की जान जा चुकी है. बार-बार हो रही इन मौतों ने बीसीसीएल की सुरक्षा व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की पोल खोल दी है.

 

 

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