Dhanbad : केंदुआडीह गैस रिसाव से प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद विधायक सरयू राय ने इस गंभीर संकट के लिए बीसीसीएल प्रबंधन और डीजीएमएस (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने सोमवार को प्रभावित इलाकों में पहुंचकर स्थानीय लोगों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और राहत शिविर का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण के उपरांत सरयू राय ने धनबाद स्थित सर्किट हाउस में एक प्रेस वार्ता आयोजित की.
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि केंदुआडीह में गैस रिसाव के कारण लोगों के सामने बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो गया है लेकिन जिम्मेदार संस्थान इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. सरयू राय ने कहा कि वर्ष 1914 से इस क्षेत्र में खनन कार्य हो रहा है.
भूमिगत खनन के बाद नियमानुसार खदानों में बालू भराई (सैंड स्टोविंग) की जानी चाहिए थी लेकिन बीसीसीएल ने ऐसा न कर केवल खदान के मुहानों पर दीवार खड़ी कर दी. इससे गैस का दबाव लगातार बढ़ता गया और जब दबाव असहनीय हुआ तो गैस धरती को चीरते हुए बाहर निकलने लगी और हवा के संपर्क में आ गई.
उन्होंने आरोप लगाया कि जिन दीवारों को सुरक्षा के लिए बनाया गया था उन्हें तोड़कर अवैध खनन किया जा रहा है. बावजूद इसके बीसीसीएल द्वारा अवैध माइनिंग रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है.
सरयू राय ने कहा कि इस पूरे मामले में बीसीसीएल से भी अधिक खतरनाक भूमिका डीजीएमएस की नजर आ रही है क्योंकि खनन क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डीजीएमएस की होती है.
विधायक ने कहा कि गैस रिसाव के बाद अब प्रभावित लोगों को दूसरी जगह जाने के लिए कहा जा रहा है जहां न तो उनके रोजगार के साधन हैं और न ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बीसीसीएल और डीजीएमएस के भ्रष्ट और लापरवाह कारनामों की सजा आज केंदुआडीह के आम लोग भुगत रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मामले को राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा. इस दौरान उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई सफेदपोश लोगों की मिलीभगत से यह संकट खड़ा हुआ है.
उन्होंने बताया कि बीसीसीएल और डीजीएमएस भारत सरकार के उपक्रम हैं और भारत सरकार ने झरिया पुनर्वास के लिए लगभग 9 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया है. साथ ही आग बुझाने के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किए गए हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को मौजूदा हालात पर भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
इसके अलावा सरयू राय ने बाघमारा के लेडी डुमर गांव का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि गांव की मुख्य सड़क के किनारे ऊंची दीवार बना दी गई है जिससे रैयत अपनी जमीन पर खेती तक नहीं कर पा रहे हैं.
इस मामले में उन्होंने बाघमारा अंचल के सीओ और धनबाद उपायुक्त से जवाब मांगा है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय पर जवाब नहीं मिला तो विधानसभा में अवमानना का नोटिस दिया जाएगा.
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