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धनबादः IIT-ISM में माइंस सेफ्टी एंड रिस्क मैनेजमेंट पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू

Dhanbad : IIT-ISM  धनबाद के पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग ईआईएसीपी केंद्र की ओर से सोमवार को माइंस सेफ्टी एंड रिस्क मैनेजमेंट विषय पर तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू हुआ. खनन क्षेत्रों में कार्यरत अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की सुरक्षा सुदृढ़ करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल है. उद्घाटन सत्र में संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसरों व विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया.


 पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के अध्यक्ष एवं ईआईएसीपी केंद्र के संयोजक प्रो. आलोक सिन्हा ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि ईआईएसीपी केंद्र अकादमिक ज्ञान और फील्ड-आधारित सुरक्षा व्यवहारों के बीच एक मजबूत सेतु की भूमिका निभा रहा है. खनन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फील्ड स्तर पर सुरक्षित कार्य संस्कृति विकसित करना अत्यंत आवश्यक है.


ईआईएसीपी केंद्र के सह-संयोजक व एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. सुरेश पंडियन ने खनन उद्योग में निरंतर व्यावहारिक प्रशिक्षण को सुरक्षा सुदृढ़ीकरण का मुख्य आधार बताया. कहा कि व्यावहारिक अभ्यास कर्मचारियों को वास्तविक जोखिमों के प्रति अधिक संवेदनशील और जागरूक बनाते हैं. प्रो एमके जैन ने खनन स्थलों के खतरों, जोखिम आकलन व डीजीएमएस दिशा-निर्देशों के पालन पर बल दिया. कहा कि सुरक्षित खनन संचालन अनुशासन, जागरूकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित होता है.


खनन अभियांत्रिकी विभाग के प्रो वीजीके विल्लुरी ने कहा कि फील्ड आधारित प्रशिक्षण कर्मचारियों को वास्तविक परिस्थितियों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करता है. जिससे वे सुरक्षा प्रोटोकॉल को गंभीरता से अपनाते हैं और आपातकालीन स्थितियों में बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं. उन्होंने संस्थान की सौ वर्षीय उत्कृष्ट विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि आईआईटी-आईएसएम वैज्ञानिक खनन और सुरक्षा प्रशिक्षण को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता देता आया है. यह कार्यक्रम खनिकों, मशीन ऑपरेटरों, ड्रिलरों, लोडरों, मेंटेनेंस स्टाफ, सहायक कर्मियों, शिफ्ट पर्यवेक्षकों और फोरमैन जैसे फील्ड स्तर के कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है.

 
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