Dhanbad : आईआईटी-आईएसएम, धनबाद ने झारखंड में आदिवासी युवाओं की डिजिटली सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत की है. इस संयुक्त विचार-विमर्श सत्र का आयोजन ईएमआरएस टुंडी व ईएमआरएस पलगंज (गिरिडीह) में किया गया. सत्र का नेतृत्व प्रो. रश्मि सिंह और प्रो. नीलाद्री दास ने किया. ये दोनों प्रबंधन अध्ययन एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग से जुड़े हैं. यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य आदिवासी छात्रों को बेसिक और एडवांस्ड आईटी स्किल्स का प्रशिक्षण देकर उन्हें डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है.
एक जुलाई 2024 को शुरू हुए इस कार्यक्रम से अब तक झारखंड के सात ईएमआरएस स्कूलों काठीजोरिया, बासिया, तसारिया, सालगाडीह, कुजरा, तोरसिंद्री व भोगनाडीह के 1,500 से अधिक आदिवासी विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं. शनिवार को आयोजित सत्र में स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक और छात्र सक्रिय रूप से शामिल हुए. इसमें प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की समीक्षा, कमियों की पहचान, अवसंरचना की आवश्यकता और बेहतर कार्यान्वयन के लिए रणनीतियां तय की गईं. शैक्षणिक संस्थानों, औद्योगिक विशेषज्ञों और स्कूलों के बीच समन्वय पर विशेष बल दिया गया.
राजभर में ऐसे कई क्षमता निर्माण कार्यक्रमों से जुड़े प्रो. रश्मि सिंह और प्रो. नीलाद्री दास ने न केवल सत्र का संचालन किया, बल्कि भागीदारों से रचनात्मक संवाद के माध्यम से आईटी प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाने के उपाय भी साझा किए. यह पहल आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल अंतर को कम करने, समावेशी शिक्षा को प्रोत्साहित करने और स्थायी सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में आईआईटी-आईएसएम की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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