Dhanbad : आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में शुक्रवार को दो दिवसीय (12 से 13 सितंबर) अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन डिजिटल इंटेलिजेंस फॉर ग्रीन माइनिंग एंड इंडस्ट्रियल नेटवर्क्स (DIGMIN 2025) की शुरुआत हुई. कार्यक्रम का उद्घाटन गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में दीप प्रज्वलित कर किया गया.
इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञों, उद्योग प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने शिरकत की. मुख्य अतिथियों में प्रो. राजीव गांगुली (माइनिंग प्रोफेसर), डॉ. पेडराम मसूदी (डेटामिन जियोसाइंसेज), प्रो. डी.सी. पाणिग्रही (चेयरमैन पीएमआरसी), प्रो. नीलिमा सत्यम (सिविल इंजीनियरिंग), प्रो. आलोक पोरवाल (अर्थ साइंस) शामिल रहे. वहीं संस्थान के उपनिदेशक प्रो. धीरज कुमार भी मौजूद रहे.
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने अपने शोध और आंकड़े साझा करते हुए ग्रीन माइनिंग और इंडस्ट्रियल नेटवर्क्स में डिजिटल तकनीक की अहमियत पर प्रकाश डाला. बताया कि डिजिटलीकरण से न सिर्फ उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा.
माइनिंग विभाग की प्रो. एनीमिया सिन्हा ने कहा कि खनन क्षेत्र में सस्टेनेबल और स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल समय की मांग है. वहीं मुख्य अतिथि ज्यादीप दासगुप्ता ने कहा कि खनन क्षेत्र में टिकाऊ विकास तभी संभव है जब डिजिटल तकनीक को व्यवहारिक स्तर पर अपनाया जाए और उद्योग जगत के साथ मजबूत साझेदारी की जाए.
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