Dhanbad : धनबाद के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रहे जहरीली गैस के रिसाव से इलाके में दहशत की स्थिति बनी हुई है. राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला, ऑफिसर कॉलोनी समेत आसपास के कई इलाकों में गैस का असर इतना बढ़ गया है कि लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया है. अब तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 30-35 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. कई की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है.
धनबाद डीसी आदित्य रंजन, एसएसपी व BCCL के CMD मनोज अग्रवाल के साथ CIMFR, IIT-ISM व DGMS की टेक्निकल टीम शुक्रवार को प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंची. निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने बताया कि कई घरों में गैस का स्तर 2.5 पाया गया है, जो सामान्य से कई गुना अधिक और बेहद खतरनाक है. इसे लेकर केंदुआडीह थाना परिसर में मजदूर संघ के प्रतिनिधियों, स्थानीय लोगों और प्रभावित परिवारों के साथ बैठक की गई.
बैठक में प्रशासन ने स्पष्ट कहा कि जिन घरों में गैस का स्तर अधिक है, उनकी तत्काल शिफ्टिंग आवश्यक है. प्रशासन अस्थायी रूप से टेंट, भोजन और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. स्थायी पुनर्वास के लिए बेलगड़िया टाउनशिप को तैयार किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि गैस रिसाव का स्रोत और आगे बढ़ने की दिशा जानने के लिए तकनीकी जांच भी तेज कर दी गई है.
बैठक के बाद डीसी आदित्य रंजन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये घर पहले से डेंजर जोन चिह्नित थे. यहां के लोगों का विस्थापन पहले ही हो जाना चाहिए था. अब प्रशासन ने निर्धारित समय सीमा में अनिवार्य शिफ्टिंग का निर्देश दिया है. फिलहाल प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी रूप से टेंट, भोजन, पीने का पानी और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
10 हजार की आबादी गैस से प्रभावित
जहरीली गैस के रिसाव से इलाके की करीब 10 हजार की आबादी प्रभावित है. तेज दुर्गंध, आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और घुटन के कारण कई परिवार घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई-अलर्ट पर है. जांच टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रही हैं और मरीजों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है. 4-5 एंबुलेंस लगातार हाई-अलर्ट पर हैं. इसके अलावा अस्पतालों में अतिरिक्त ऑक्सीजनयुक्त बेड, 24×7 मेडिकल टीम तैनात है.
गैस कार्बन मोनोऑक्साइड पाई गईः डीजीएमएस
डीजीएमएस के डिप्टी डायरेक्टर जावेद आलम ने बताया कि जांच में जहरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड पाई गई है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है. उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र स्थायी समाधान लोगों का सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास है.
IIT-ISM और CIMFR की टीम गैस के स्रोत का पता लगा रही
BCCL CMD मनोज अग्रवाल ने कहा कि खदानों में बचा कोयला रासायनिक प्रक्रिया से गुजरता है, जिससे बैक्टीरिया की प्रतिक्रिया से गैस बनती है. IIT-ISM और CIMFR की टीम गैस के स्रोत का पता लगाने में जुटी है. खतरनाक बिंदुओं पर तुरंत सीलिंग और ब्रैकेडिंग की कार्रवाई हो रही है. इधर, गैस रिसाव से परेशान स्थानीय लोग प्रशासनिक कार्रवाई से असंतोष भी जताते दिखे. एक युवती साक्षी सिंह ने कहा कि चार दिन से मीटिंग हो रही है. लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है. बच्चे घर में रह भी नहीं पा रहे हैं. गुरुवार की रात व शुक्रवार की सुबह भी गैस की चपेट में आकर स्थानीय निवासियों की तबीयत बिगड़ने का सिलसिला जारी है. कुछ लोग तो इलाका छोड़ कर पलायन भी करने लगे हैं.

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