Dhanbad : कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को समाज 20 सितंबर से रेल टेका-डाहर छेका आंदोलन शुरू करेगा. यह अनिश्चित कालीन आंदोलन झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा में एक साथ शुरू किया जा रहा है. JLKM के केंद्रीय युवा अध्यक्ष कुश महतो ने शुक्रवार को धनबाद में कहा कि इस बार का आंदोलन ऐतिहासिक होगा. उन्होंने बताया कि कुड़मी समाज दशकों से एसटी दर्जे के लिए संघर्ष कर रहा है. लेकिन सरकारें केवल आश्वासन देती रही हैं. यह आंदोलन सरकार का ध्यान खींचने और मांग को गंभीरता से लेने के लिए है.
कुश महतो ने कहा कि कुड़मी समाज की भाषा, संस्कृति व जीवनशैली पूरी तरह से आदिवासी परंपराओं से जुड़ी है. इस समाज ने झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती, आंदोलन जारी रहेगा. जरूरत पड़ी तो इसे और उग्र रूप दिया जाएगा. आंदोलन को कई राजनीतिक व सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है, जिससे इसकी ताकत और बढ़ गई है.
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