आईआईटी-आईएसएम के पूर्ववर्ती छात्र हैं डॉ. हर्ष गुप्ता
Dhanbad : आईआईटी-आईएसएम धनबाद के लिए गर्व का क्षण है. दक्षिण सूडान में बन रहा पहला भूकंपीय वेधशाला केंद्र अब हर्ष गुप्ता भूकंपीय वेधशाला केंद्र के नाम से जाना जाएगा. इस केंद्र का निर्माण जुबा काउंटी, सेंट्रल इक्वेटोरिया स्टेट के रेजाफ पयाम के कोल्ये वेस्ट गांव में हो रहा है. यह वैश्विक सम्मान आईआईटी-आईएसएम, धनबाद के पूर्ववर्ती छात्र सह प्रख्यात भूकंप विज्ञानी पद्मश्री डॉ हर्ष के गुप्ता को समर्पित है. केंद्र का निर्माण कार्य लगभग 95% पूरा हो चुका है. इसे दक्षिण सूडान में भारतीय दूतावास की फंडिंग से और दक्षिण सूडान के खनन मंत्रालय की देखरेख में तैयार किया जा रहा है.
यह केंद्र न केवल भूकंप की निगरानी करेगा, बल्कि एक भू-वैज्ञानिक डाटा सेंटर के रूप में भी काम करेगा. आईआईटी-आईएसएम के 1963 बैच (एप्लाइड जियोफिजिक्स) के पूर्ववर्ती छात्र डॉ. गुप्ता ने भूकंप विज्ञान में उल्लेखनीय योगदान दिए हैं. इसमें कृत्रिम जलाशयों से उत्पन्न और प्राकृतिक भूकंप में अंतर का मानक स्थापित करना, बड़े भूकंप की भविष्यवाणी, 2004 की सुनामी के बाद भारत में सुनामी चेतावनी प्रणाली का निर्माण व अंटार्कटिका में भारत के पहले विंटरिंग बेस की स्थापना शामिल है. डॉ. गुप्ता सितंबर 2024 में आईआईटी-आईएसएम में आए थे. उन्होंने संस्थान में तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एमर्जिंग ट्रेंड्स इन अर्थ साइंसेज़ जियोहैजर्ड्स एंड रिसोर्स मैनेजमेंट (ETES-2024) में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया था.
संस्थान के छात्र रहे डॉ. शिवशंकर गांगुली (2011, एप्लाइड जियोफिजिक्स) ने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व और यादगार पल है. डॉ बीके रस्तोगी (1966, एप्लाइड जियोफिजिक्स) ने कहा कि आईआईटी-आईएसएम और भारतीय भूकंप विज्ञान के लिए यह गौरव का क्षण है. पी.के. गांगोपाध्याय (1970, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग), नॉर्थ कैरोलाइना यूएसए ने कहा कि डॉ. हर्ष गुप्ता हमारे संस्थान के अनमोल रत्न हैं. यह सम्मान न केवल डॉ. गुप्ता के शानदार करियर को मान्यता देता है, बल्कि आईआईटी-आईएसएम धनबाद के पूर्ववर्ती छात्रों के वैश्विक स्तर पर योगदान को भी रेखांकित करता है.
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