Dhanbad : भारत माइक्रो फाइनेंस इंक्लूजन लिमिटेड के फील्ड ऑफिसर द्वारा दर्ज कराए गए लूटकांड की असलियत पुलिस जांच में सामने आ गई है. पुलिस ने खुलासा किया है कि यह मामला पूरी तरह से मनगढ़ंत था और शिकायतकर्ता ने खुद ही नकद राशि को ठिकाने लगाकर झूठी लूट की कहानी गढ़ी थी. इस मामले में आरोपी फील्ड ऑफिसर साजिद असारा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
यह जानकारी डीएसपी-2 धीरेंद्र एन. बंका ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी. उन्होंने बताया कि घटना 21 जुलाई की है. साजिद असारा ने टुंडी थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि टुंडी-गोविंदपुर मुख्य मार्ग स्थित गादी टुंडी के पास दो अज्ञात अपराधियों ने 97,141 नकद, एक मोबाइल फोन, टैब और बायोमेट्रिक मशीन लूट ली.
शिकायत के बाद 22 जुलाई को पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान साजिद के मित्र अहमद अंसारी से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ. अहमद ने बताया कि साजिद ने 74,500 की नकदी उसे स्वयं सौंप दी थी और कहा था कि बाद में वह इसे ले जाएगा.
जब उसे लूट की शिकायत की जानकारी मिली तो वह खुद पुलिस के पास पहुंचा और पूरी रकम सौंप दी. इसके बाद साजिद से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने लूट की झूठी कहानी रचने की बात स्वीकार कर ली. उसकी निशानदेही पर मोबाइल फोन और चार्जर बरामद कर लिया गया.
पूछताछ में उसने बताया कि टैब और बायोमेट्रिक मशीन को उसने बराकर नदी में फेंक दिया था. साजिद ने यह भी स्वीकार किया कि वह बलियापुर शाखा में दो वर्षों से कार्यरत था और वहां से करीब 1 लाख, जबकि गिरिडीह शाखा से 50,000 की प्रोत्साहन राशि में कटौती हो चुकी थी.
इसी आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव के चलते उसने यह फर्जी लूटकांड रचा. डीएसपी ने बताया कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई, सतर्कता और गहन जांच से इस फर्जीवाड़े का समय रहते भंडाफोड़ हो सका. आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है.
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