Dhanbad : कुर्मी समाज को एसटी की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में सोमवार को धनबाद में आदिवासियों ने शक्ति प्रदर्शन किया. गोल्फ ग्राउंड से बिरसा मुंडा स्टेडियम (एट लेन) तक आदिवासी समाज के महिला-पुरुष तीर-धनुष, डफली, ढोल-नगाड़े व पारंपरिक ध्वजों के साथ सड़कों पर उतरे. एक तीर, एक कमान आदिवासी एक समान जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा. बिरसा मुंडा स्टेडियम पहुंचकर रैली सभा में तब्दील हो गई. इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया है कि कुर्मी समाज को ST की सूची में शामिल करने की कोई भी पहल ऐतिहासिक तथ्यों और संविधान के खिलाफ है. सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी नेताओं ने कहा कि कुर्मी समाज का अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग झूठे इतिहास और भ्रामक दावों पर आधारित है. कुर्मी समाज के कुछ संगठन झूठा इतिहास गढ़कर और झूठे आंदोलन चलाकर खुद को आदिवासी बताने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि वे कभी भी आदिवासी का हिस्सा नहीं रहे हैं.
नेताओं ने यह भी कहा कि आदिवासी समाज अपनी संस्कृति, परंपरा, भूमि, अधिकार और संवैधानिक पहचान की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगा. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसे भ्रम फैलाने वाले आंदोलनों पर तुरंत रोक लगाई जाए और कुर्मी समाज को किसी भी परिस्थिति में ST या SC सूची में शामिल न किया जाए. सभा के दौरान विभिन्न आदिवासी संगठनों के बैनर–पोस्टर और नृत्य दलों की उपस्थिति से माहौल सांस्कृतिक रंग में रंगा रहा. गोल्फ ग्राउंड से मेमको मोड़ तक का पूरा इलाका आदिवासी एकता और परंपरा की झलक से गूंज उठा.
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