Search

रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है डिजिटल भुगतान : बाबूलाल

Ranchi :  नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने डिजिटल पेमेंट की सराहना की है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि 2014 से पहले जो डिजिटल भुगतान एक विकल्प था, अब वो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है.

 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आगे लिखा कि अब ऑटो रिक्शा और चाय की टपरी वाले भी डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं. साल 2020 से 2025 के बीच भारत में 65,000 करोड़ से ज्यादा डिजिटल लेन-देन हुए हैं, जिनका कुल मूल्य 12,000 लाख करोड़ से भी ऊपर है.

 

बाबूलाल ने इस बड़े बदलाव का श्रेय केंद्र की मोदी सरकार को दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का नीति निर्धारण और तकनीकी मानकों पर सतत विश्लेषण व परिश्रम के कारण यह संभव हो सका है. 

 

 

डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ने से सरकारी योजनाओं का पैसा लोगों तक पहुंचना हुआ आसान

नेता प्रतिपक्ष ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ने से नकदी पर निर्भरता घटी है, लेन-देन में पारदर्शिता आई है और सरकार की योजनाओं का पैसा सीधे लोगों तक पहुंचना आसान हुआ है. यह मोदी सरकार के नेतृत्व में बना वह ढांचा है, जिसने तकनीक को हर भारतीय के लिए सुलभ और सरल बना दिया है. यही असली डिजिटल इंडिया है. 

 

डिजिटल इकोनॉमी सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं 

डिजिटल भुगतान की प्रगति को मापने के लिए RBI द्वारा बनाई Digital Payments Index (DPI) का हवाला देते हुए मरांडी ने लिखा कि सितंबर 2024 में डीपीआई इंडेक्स 465.33 पर पहुंच गया, यानी डिजिटल इकोनॉमी अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में फैल चुकी है. साल दर साल इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है. 

 

 

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp