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आधुनिक युग में गीता की बढ़ती प्रासंगिकता पर मारवाड़ी कॉलेज में मंथन

Ranchi : मारवाड़ी महाविद्यालय में सोमवार को संस्कृत एवं दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित गीता जयंती समारोह में वक्ताओं ने श्रीमद्भगवद्गीता की आधुनिक युग में प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए. 

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन का शाश्वत मार्गदर्शक है, जो व्यक्ति को कर्म, निष्ठा, सत्य, धैर्य और समत्व के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है.

 

उन्होंने श्रीकृष्ण के उपदेश “कर्मण्येवाधिकारस्ते” का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक और तनावपूर्ण समय में विद्यार्थी जीवन के लिए परिश्रम, अनुशासन एवं कर्तव्यनिष्ठा ही सफलता की कुंजी है.

 

दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. शशि शेखर दास ने कहा कि गीता मन, प्रकृति, ऊर्जा तथा मानव-व्यवहार को वैज्ञानिक दृष्टि से समझाती है. ध्यान-योग को आज मस्तिष्क-विज्ञान भी तनाव-नियंत्रण के लिए प्रभावी मानता है. उन्होंने कहा कि समत्व का सिद्धांत जीवविज्ञान के संतुलन से भी मेल खाता है, जिससे गीता अध्यात्म और विज्ञान का सुंदर सामंजस्य प्रस्तुत करती है.

कार्यक्रम में बांग्ला विभाग के अध्यक्ष डॉ. वैद्यनाथ कुमार ने गीता के कर्मयोग सिद्धांत की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब व्यक्ति लोभ, मोह, भय और स्वार्थ से मुक्त होकर समाजहित में कर्म करता है तो उसका जीवन शांत, शुद्ध और उद्देश्यपूर्ण बन जाता है.

 

कॉमर्स विभाग के शिक्षक डॉ. अंकित शर्मा ने कहा कि गीता के अठारह अध्याय जीवन के विभिन्न आयामों—ध्यानयोग, कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्ति योग और संन्यासयोग—की सारगर्भित आध्यात्मिक व्याख्या प्रस्तुत करते हैं, जो मानव जीवन को ज्ञान, सत्य और प्रकाश से आलोकित करते हैं.

 

धन्यवाद ज्ञापन में संस्कृत विभाग की वरिष्ठ शिक्षिका डॉ. रंजू लाल ने कहा कि गीता केवल आध्यात्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि व्यवहारिक जीवन-दर्शन, मानसिक संतुलन और कर्तव्यनिष्ठ जीवनशैली का संपूर्ण मार्गदर्शक है, जिसकी प्रासंगिकता आज और बढ़ गई है.

 

कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की छात्राएँ मनीषा कुमारी और मीनाक्षी कुमारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की. छठे सेमेस्टर की छात्रा मनीषा कुमारी ने गीता-पाठ किया तथा सुमित कुमार और रामकुमार भारती ने प्रेरक भाषण दिए. पूरे समारोह का संचालन संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. राहुल कुमार द्वारा किया गया.इस अवसर पर डॉ. ख़ातिर हेमरोम, डॉ. लता कुमारी, डॉ. नीरा वर्मा सहित विभिन्न विभागों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

 

 

 

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