Ranchi : सिविल सर्जन कार्यालय रांची के सभागार में बुधवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम जागरूकता दिवस मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी एनसीडी कोसांग, रांची डॉ सीमा गुप्ता ने की.
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल आत्महत्या से एक लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इनमें एक तिहाई महिलाएं और लगभग एक चौथाई पुरुष शामिल होते हैं. इसके पीछे नशीली दवाओं का दुरुपयोग, शराब की लत, बेरोजगारी, आर्थिक संकट, पारिवारिक तनाव, बुजुर्गों का अकेलापन और बच्चों में परीक्षा को लेकर दबाव जैसी वजहें सामने आती हैं.
डॉ गुप्ता ने बताया कि आत्महत्या रोकथाम के लिए भारत सरकार ने 2022 में राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति शुरू की है. इसका लक्ष्य 2030 तक आत्महत्या से होने वाली मौतों को 10 प्रतिशत तक कम करना है.कार्यक्रम में डॉ तवा रिजवी ने मानसिक रोगों के लक्षणों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक उदासी, चिंता, सामाजिक अलगाव, सोचने में कठिनाई, नींद और भूख में बदलाव, कार्य क्षमता में गिरावट, उदासीनता और असामान्य व्यवहार जैसे संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए. ऐसे लक्षण आत्महत्या की प्रवृत्ति का संकेत हो सकते हैं.
कार्यक्रम के अंत में जागरूकता के लिए प्रभात फेरी निकाली गई, जो सदर अस्पताल से शुरू होकर फिरायालाल चौक तक गई. इस अवसर पर डॉ सरिता, फाइनेंशियल एंड लॉजिस्टिक कंसलटेंट, सरोज कुमार, जिला प्रोग्राम असिस्टेंट अभिषेक देव, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे.
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