Jadugora : जमीन के बदले नौकरी की वर्षों पुरानी मांग को लेकर जादूगोड़ा की विस्थापित महिला कुंती देवी का आज सब्र टूट गया. उन्होंने यूसिल (यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) के अंतर्गत संचालित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और वहीं धरने पर बैठ गईं. कुंती देवी का आरोप है कि 1960 में अधिग्रहण की गई उनकी 44 डिसमिल जमीन के बदले आज तक उन्हें नौकरी नहीं दी गई है.
यूसिल के अधिकारियों ने कुंती देवी को जबरन हटवाया
धरने पर बैठी कुंती देवी ने बताया कि वर्षों से अपने हक के लिए लड़ रही हैं, लेकिन यूसिल प्रबंधन लगातार उनकी मांगों को अनदेखा करता आ रहा है. विरोध जताने के क्रम में जब उन्होंने अनुसंधान केंद्र के गेट पर ताला लगाया, तो कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें जबरन वहां से हटवा दिया.
जबरन हटाकर, ताला तोड़वाकर आंदोलन को कुचला
कुंती देवी का आरोप है कि अकेला पाकर उन्हें धक्के मारकर हटाया गया और जबरन ताला तोड़ उनके आंदोलन को कुचल दिया गया. इस दौरान भाभा अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक और कर्मचारी गेट के अंदर खड़े होकर बस देखते रहे. उनका यह भी आरोप है कि यूसिल प्रबंधन ने एक लाचार महिला को हटाने के लिए दो दर्जन से अधिक पुलिस बल बुलाया. जिससे स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा गया.
कुंती देवी केंद्रीय सहायक श्रमायुक्त के पास लगाएगी गुहार
कुंती देवी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह लड़ाई अब और भी तेज़ होगी. उन्होंने बताया कि वे इस मामले को केंद्रीय सहायक श्रमायुक्त के पास ले जाएंगी और न्याय की मांग करेंगी. उन्होंने कहा कि अपने हक की यह लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ूंगी, जब तक मुझे जमीन के बदले नौकरी नहीं मिल जाती, मैं हार नहीं मानूंगी. बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब यूसिल द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले विस्थापितों ने नौकरी की मांग की है. पहले भी कई आंदोलन हुए हैं, लेकिन अब तक ठोस समाधान नहीं निकल पाया है.