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राज्य की मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए करें शोध, सरकार देगी दो से 10 लाख रूपए

  • शोध के लिए एआई का नहीं लेना होगा सहारा
  • रिसर्च में 12 फीसदी से कम होनी चाहिए साहित्यिक चोरी की सामग्री 

Ranchi : राज्य सरकार ने मौजूदा समस्याओं के तकनीकी समाधान के लिए शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. इसके लिए झारखंड विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार परिषद (जेसीएसटीआई) ने आवेदन आमंत्रित किया है. शोध करने वालों को दो से 10 लाख रुपए तक का अनुदान भी दिया जाएगा.

 

इसके तहत माइनर प्रोजेक्ट के लिए दो लाख रूपए दिए जाएंगे. इसकी अवधि 12 महीने की होगी. मेजर प्रोजेक्ट के लिए पांच लाख रूपए दिए जाएंगे. इसकी अवधि 24 महीने की होगी. लॉन्ग टर्म प्रोजेक्ट के लिए 10 लाख रूपए दिए जाएंगे. इसकी अवधि 36 महीने की होगी.

 

 

 

कौन कर सकते हैं शोध


यूजीसी व एआईसीटीई से अनुमोदित संस्थानों के वैज्ञानिक,शोधकर्ता, छात्र, संकाय सदस्य शोध के लिए प्रस्ताव दे सकते हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, राज्य के विश्वविद्यालयों या राज्य व केंद्र सरकार के संगठनों के घटक व संबद्ध कॉलेज के वैज्ञानिक,शोधकर्ता, छात्र, संकाय सदस्य भी आवेदन करने के पात्र हैं. 

 

झारखंड के अन्य पंजीकृत संगठन या उद्योग, जिनकी शोध पृष्ठभूमि स्थापित है, शोध परियोजना के लिए उपर्युक्त संस्थानों में से किसी के साथ सहयोग कर सकते हैं. एक संयुक्त टीम बना सकते हैं, जिसमें प्रमुख शोधकर्ता आदि शामिल हों. ऐसे सहयोगों का आवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेख होना अनिवार्य है. ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त और हार्ड कॉपी जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर निर्धारित की गई है. 

 

क्या है शोध का मापदंड


•    प्रस्तुत शोध प्रस्ताव किसी मौजूदा समस्या का तकनीकी समाधान या किसी ऐसे उत्पाद का विकास करेगा जो मौजूद समस्या का समाधान कर सके

•    प्रस्तुत प्रस्तावों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से उत्पन्न कोई सामग्री नहीं होनी चाहिए

•    12 फीसदी से कम साहित्यिक चोरी की सामग्री होनी चाहिए

•    प्रस्तुत प्रस्ताव विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से होने चाहिए

•    सर्वेक्षण व जांच परियोजना नहीं होनी चाहिए

•    कम से कम एक प्रधान अन्वेषक प्रस्तावित शोध परियोजना के क्षेत्र में विषय विशेषज्ञ होना चाहिए.

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