Ranchi : केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) ने नशे के खिलाफ एक अहम पहल करते हुए नशा मुक्ति जागरूकता उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की ड्रग अवेयरनेस एंड वेलनेस नेविगेशन (DAWN) योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया.इस जागरूकता अभियान में कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों ने शिरकत की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे:
रवि कुमार भास्कर (सिविल जज एवं सदस्य सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण)
राम कुमार झा (सहायक निदेशक, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय)
नवीन कुमार राय (सीआईडी अधिकारी)
राकेश कुमार गोस्वामी (एनसीबी अधिकारी)
कार्यक्रम का अवलोकन सामाजिक कार्यकर्ता अतुल गेरा ने प्रस्तुत किया, जबकि अध्यक्षता सीयूजे के प्रोफेसर आरकेडे ने की. छात्र कल्याण डीन अनुराग लिंडा ने विशेष वक्तव्य दिया. संचालन की जिम्मेदारी एनएसएस अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने निभाई और मंच संचालन शोधार्थी विनायक कुमार झा ने किया.
युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश
मुख्य वक्ता रवि भास्कर ने झारखंड को उड़ता पंजाब बनने से रोकने की चेतावनी देते हुए नशे के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला. उन्होंने छात्रों से अपील की कि किसी भी कानूनी सहायता के लिए 15100 हेल्पलाइन पर संपर्क करें और ड्रग-फ्री क्लब बनाने का सुझाव दिया.राम कुमार झा ने बताया कि किस प्रकार बिना चिकित्सकीय परामर्श के ली गई दवाइयां धीरे-धीरे लत में तब्दील हो जाती हैं. उन्होंने Rx या लाल निशान वाली दवाओं के सेवन से सावधानी बरतने की सलाह दी.
सीआईडी अधिकारी नवीन कुमार राय ने बताया कि कुछ बाहरी शक्तियां भारत के युवाओं को नशे की गिरफ्त में लाने की साजिश कर रही हैं. उन्होंने राज्य की 112 टोल-फ्री हेल्पलाइन की जानकारी साझा की और युवाओं से सतर्क रहने की अपील की.एनसीबी अधिकारी राकेश गोस्वामी ने कहा कि नशा शुरू करना जितना आसान है उससे बाहर निकलना उतना ही कठिन. उन्होंने राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन 1933 की जानकारी दी जो गुप्त सूचना परामर्श और पुनर्वास में मदद करती है.
कार्यक्रम के सामाजिक सन्देश को आगे बढ़ाते हुए, अतुल गेरा ने नशाखोरी को "मौन आतंकवाद" बताया. उन्होंने कहा यदि आप किसी देश को कमजोर करना चाहते हैं तो उसकी युवा पीढ़ी को कमजोर कर दीजिए. उन्होंने ‘गेटवे ड्रग्स’ से दूर रहने को जीवन की सबसे बड़ी सुरक्षा बताया.
प्रोफेसर आरकेडे ने युवाओं को चेताया कि नशा व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण से वंचित कर देता है और इसे रोकना अत्यंत आवश्यक है.डीन अनुराग लिंडा ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगा और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है.कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ रश्मि वर्मा ने नशे और अपराध के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया और स्वास्थ्य पर इसके खतरों को बताया. इस अवसर पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया जो नशे के दुष्परिणामों पर आधारित था.कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने नशा से दूर रहने और समाज में जागरूकता फैलाने की शपथ ली. एनएसएस समन्वयक डॉ ऋषिकेश महतो ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया.
विशेष जानकारी:
NALSA हेल्पलाइन: 15100
राज्य हेल्पलाइन (Jharkhand): 112
राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन: 1933
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