Ranchi: मोरहाबादी स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है. विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में हजारों विद्यार्थियों की पढ़ाई एक स्थायी शिक्षक के भरोसे चल रही है.
जनजातीय एवं क्षेत्रिय भाषा विभाग में नौ भाषाओं की पढ़ाई होती है. जिसमें पांच जनजातीय मुंडारी,कुडुख,संथाली,हो और खड़िया शामिल है. वही क्षेत्रिय भाषा खोरठा,पंचपरगनिया,नागपुरी और कुरमाली भाषा शामिल है. स्थायी शिक्षकों की कमी के कारण विभाग की शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है.शोध कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार, विभाग में लगभग 16 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन इनमें से डॉ बिनोद कुमार को छोड़कर शेष सभी नीड बेस्ड शिक्षक हैं. इसके बावजूद यही शिक्षक यूजी और पीजी दोनों कक्षाओं की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इसके अतिरिक्त एक गेस्ट फैकल्टी शिक्षक भी विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं.
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में कार्यरत शिक्षक
-नागपुरी भाषा- डॉ मनोज कच्छप, डॉ मालती लकड़ा
-खोरठा भाषा- डॉ बिनोद कुमार,
-कुडुख भाषा -डॉ सीता कुमारी, सुनीता कुमारी
गेस्ट फैकल्टी- सुशीला कुमारी
-पंचपरगनिया भाषा: लक्ष्मीकांत प्रमाणिक
-कुरमाली भाषा: डॉ निताई चंद्र महतो
-मुंडारी भाषा- डॉ शांति नाग, डॉ दशमी ओड़ेया
-संथाली भाषा-डॉ डुमनी मय मुर्मु, संतोष मुर्मु
-खड़िया भाषा- शांति केरकेटा
-हो भाषा- डॉ जयकिशोर मंगल, दिलदार पूर्ति
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.



Leave a Comment