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DSPMU में Non-Verbal Communication पर प्रेरणादायक संगोष्ठी का आयोजन

Ranchi : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य विभाग (ELL) की ओर से विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में “The Voice of Silence: Decoding Non-Verbal Communication” विषय पर एक सारगर्भित एवं प्रेरक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ पियूष बाला ने किया.

 

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ विनय भरत, विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग, ने अपने उद्बोधन में कहा कि मौन भी संवाद का एक सशक्त माध्यम है. उन्होंने कहा कि मौन की अपनी भाषा होती है, जो शब्दों से कहीं अधिक सच्ची और प्रभावी होती है.

 

डॉ भरत ने बताया कि किसी भी संवाद का अधिकांश अर्थ व्यक्ति की शारीरिक भाषा, चेहरे के भाव, नज़रों के संकेत और स्वर की लय से प्रकट होता है, न कि केवल शब्दों से. उन्होंने यह भी कहा कि गैर-मौखिक संचार किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और संवेदनशीलता का दर्पण होता है.

 

उन्होंने छात्रों को A-B-C सूत्र Appearance (बाह्य प्रस्तुति), Body Language (शारीरिक भाषा) और Communication (संचार) अपनाने की सलाह दी, जो एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक है.

 

अपने व्याख्यान में उन्होंने ग्रीक वक्ता Demosthenes के “Action, Action, Action” और Martin Luther के कथन “किसी व्यक्ति के शब्दों से नहीं, उसकी मुट्ठियों से देखो कि वह क्या कहना चाहता है” का उल्लेख करते हुए कहा कि क्रिया ही संवाद की आत्मा है.

 

उन्होंने गैर-मौखिक संचार के छह प्रमुख आयामों Kinesics, Oculesics, Haptics, Proxemics, Paralinguistics और Chronemics — पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति मौन को पढ़ना और समझना सीख लेता है, वही जीवन के हर क्षेत्र में प्रभावी संवाद स्थापित कर सकता है.

 

इस अवसर पर विभाग की शिक्षिकाएं डॉ रश्मि कुमारी, रुचिका तसकीन केरकेट्टा (धन्यवाद ज्ञापन), अदिति सिद्धांत (संचालिका), डॉ करिश्मा परिजात, नीलिमा कुमारी और डॉ सुप्रिया आनंद, तथा स्नात्तकोत्तर अंग्रेजी विभाग के सुमित मिन्ज, कर्मा कुमार, मोहम्मद दिलशाद और सौरव मुखर्जी सहित लगभग 500 छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की. कार्यक्रम के समापन पर डॉ पियूष बाला ने कहा संचार की शुरुआत शब्दों से नहीं, बल्कि हमारी संवेदना, दृष्टि और मौन के भावों से होती है.

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