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राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों को ईसीआई ने नकारा, कहा, किसी भी वोट को ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता

New Delhi : चुनाव आयोग (ईसीआई) ने कहा है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ लगाये गये आरोपों को निराधार और गलत है.  

 

 

 

 
जान लें कि  राहुल गांधी ने आज गुरुवार को दिल्ली के इंदिरा भवन ऑडिटोरियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की.  उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर वोटों की चोरी की गयी थी.  राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि CEC ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं. कहा कि मैं जो भी बोल रहा हूं, वो 100फीसदी सबूत के साथ बोल रहा हूं.  

 


चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार करार दिया. निर्वाचन आयोग ने एक बयान जारी करते हुए राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से नकार दिया. कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ लगाये गये सभी आरोप निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं. 
EC ने कहा, वोट ऑनलाइन डिलीट नहीं किये जा सकते. 

 


चुनाव आयोग ने इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी कर राहुल गांधी के आरोपों आरोप गलत और बेबुनियाद करार दिया. कहा कि किसी भी वोट को ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता. आम जनता ऐसा नहीं कर सकती,  राहुल गांधी को गलत समझ है. चुनाव आयोग के अनुसार वोटर लिस्ट से नाम डिलीट करने से पूर्व प्रभावित व्यक्ति को पक्ष रखने का पूरा मौका मिलता है.

 

 

चुनाव आयोग ने खुलासा किया कि 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट से नाम डिलीट करने की कुछ असफल कोशिश की गयी थी. इसकी जानकारी मिलते ही  इस मामले में चुनाव आयोग ने खुद FIR दर्ज कराई थी. आयोग के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो 2018 में अलंद सीट भाजपा के सुभाष गुट्टेदार ने जीती थी. 2023 की बात करें तो यहां से कांग्रेस के बीआर पाटिल जीते थे.  

 

 

अब ऱाहुल गांधी के आरोपों पर आते हैं. उन्होंने कर्नाटक का जिक्र किया. कहा कि कर्नाटक CID ने केस करते हुए चुनाव आयोग को 18 पत्र लिखे. उसमें कहा गया कि हमें Destination IP, Device Destination ports, OTP Trails, Phone number और उन फोन नंबर के मालिकों के नाम दीजिए.  राहुल ने कहा कि फरवरी 2023 में FIR की गयी.  

 

 

मार्च में कर्नाटक CID चुनाव आयोग को पत्र लिखकर डिटेल मांगा गया. अगस्त 2023 में आधी-अधूरी जानकारी दी गयी, ताकि जांच आगे न बढ़ सके. इसके बाद पूरी जानकारी देने के लिए चुनाव आयोग को 18 बार REMINDER LETTER भेजे गये.  मार्च 2025 में कर्नाटक EC ने भी चुनाव आयोग से डिटेल्स मांगी. आखिरी पत्र सितंबर में भेजा गया है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया .

 

 

राहुल ने कहा कि  ये सारे सबूत हैं कि CEC ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं. ये सब ब्लैक एंड वाइट सबूत हैं. कर्नाटक में आलंद विधानसभा क्षेत्र में  हमने वोट चोरी एक BLO के जरिए पकड़ी, जिसके रिश्तेदार का वोट काट दिया गया था. BLO ने पता किया तो सामने आया कि उनके रिश्तेदार का वोट उसी के पड़ोसी ने डिलीट करवाया है

 

 

BLO ने जब पड़ोसी से पूछा तो उसने बताया कि हमने वोट डिलीट नहीं करवाया. जब शक बढ़ा तो BLO ने प्रॉसेस शुरू की और पता चला कि किसी तीसरे ने आलंद में सेंट्रलाइज तरीके से वोट डिलीट किये हैं .

 

 

राहुल ने कहा कि  इसमें पता चला कि वोटर डिलीशन के लिए फाइलिंग ऑनलाइन ऑटोमेटेड तरीके से हुई और जो मोबाइल नंबर इस्तेमाल हुए, वो कर्नाटक के बाहर के नंबर थे . आलंद में वोटर डिलीशन की संख्या 6 हजार है, लेकिन ये संख्या और बड़ी हो सकती है . इस पूरी जांच में ये भी पता चला कि कांग्रेस के वोटर्स को टारगेट कर, उनके वोट डिलीट किये गये.

 


राहुल ने कहा कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त से हमारी मांग है कि आप अपना काम कीजिए, क्योंकि आपने शपथ ली है. कर्नाटक की CID जो सबूत मांग रही है, आप उन्हें 7 दिन के अंदर दे दीजिए.  अगर आपने ऐसा नहीं किया तो पूरा हिंदुस्तान मान लेगा कि आप संविधान की हत्या में शामिल हैं और वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं. 

 

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