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EV मैन्युफैक्चरिंग : भारत में टेस्ला का रुख अस्पष्ट, मर्सिडीज, स्कोडा और फॉक्सवैगन ने दिखाई रुचि

New Delhi :   भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की दिशा में जबरदस्त पहल कर रही है, लेकिन एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की मंशा को लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है.

 

केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि टेस्ला भारत में केवल दो शोरूम खोलना चाहती है. कंपनी भारत में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है.

 

हालांकि मर्सिडीज-बेंज, स्कोडा-फॉक्सवैगन, हुंडई और किया जैसी दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक कार निर्माण को लेकर रुचि दिखायी है. इन कंपनियों ने केंद्र सरकार की योजना में हिस्सेदारी के संकेत दिये हैं. 

 

 

 

सरकार की योजना, कम टैक्स पर आयात, लेकिन निवेश की शर्त

 

सरकार की नई नीति के अनुसार, ऑटोमोबाइल कंपनियां सालाना 8,000 इलेक्ट्रिक कारों को मात्र 15% आयात शुल्क पर भारत में ला सकती हैं, जबकि आम तौर पर यह शुल्क 70% तक होता है. लेकिन इसके बदले उन्हें 4,150 करोड़ का निवेश करना होगा, 3 वर्षों में भारत में उत्पादन शुरू करना होगा और 5 साल में कम से कम 50% पुर्जों का स्थानीयकरण करना होगा. 

 

 

टेस्ला की भारत में मौजूदा गतिविधियां : 

 

  • - मुंबई और दिल्ली में शोरूम : कंपनी ने मुंबई के BKC में एक शोरूम के लिए जगह तय कर ली है. यह स्थान 5 साल की लीज पर 32 लाख मासिक किराए पर लिया गया है.
  • - स्थानीय टीम की तैयारी :  कंपनी ने भारत में अब तक 25 से ज्यादा लोगों को नियुक्त किया है और जल्द बिक्री शुरू करने की संभावना है.
  • - सरकारी बैठकों से दूरी : मंत्रालय के मुताबिक, टेस्ला ने सरकार के साथ चर्चा की पहली बैठक में भाग लिया था, लेकिन बाद की दो महत्वपूर्ण बैठकों में कंपनी के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे. 

 

डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी

 

इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी टेस्ला की संभावित भारत नीति पर टिप्पणी की है. ट्रंप ने चेतावनी दी है कि टेस्ला भारत में फैक्ट्री लगाये, लेकिन वह बिना टैरिफ चुकाए अमेरिका में अपने प्रोडक्ट बेचना चाहती है, तो यह किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होगा.