Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने युवाओं के सवालों पर हेमंत सरकार को निशाने पर लिया है. कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्य सरकार ने उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ आयोजित कराई थी. सरकार के कुव्यवस्था और हठधर्मिता के कारण कई युवाओं की मौत होने लगी, लेकिन सरकार ने दौड़ को नहीं रोका जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ता ही चला गया. युवाओं को उम्मीद थी कि सरकार जल्द लिखित परीक्षा लेगी, लेकिन हेमंत सरकार गठन के 6 माह बीत जाने के बाद भी लिखित परीक्षा न होने के कारण अबतक उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया पर संशय बना हुआ है.
हेमंत सरकार की राजनीति के सबसे आसान शिकार हैं युवा
झारखंड के युवा हेमंत सरकार की राजनीति के सबसे आसान शिकार हैं. साधन संपन्न धनाढ्य परिवार में जन्म लेने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने युवावस्था में साधारण युवकों के संघर्ष को महसूस नहीं किया है. इसलिए उनकी शासन पद्धति में भी युवाओं के प्रति संवेदनहीनता नज़र आती है.जब भी युवाओं द्वारा नौकरी की मांग की जाती है तो परीक्षा कैलेंडर का झुनझुना थमा दिया जाता है.आज झारखंड में युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो चुका है. न कोई ठोस नियोजन नीति, न पारदर्शी परीक्षा, न ससमय रिजल्ट. युवाओं को मिलता है तो सिर्फ फर्ज़ी आश्वासन