Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी जांच के दौरान पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत पाये गये हैं. जांच में पाया गया है कि उसने 20 करोड़ रुपये से अधिक की लॉन्ड्रिंग की है. जांच के दौरान इससे संबंधित सबूत मिलने के बाद ईडी ने 20 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया. वह पहले से जेल में है.
ईडी ने वर्ष 2024 में इसीआईआर दर्ज करन दिनेश गोप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की थी. जांच के दौरान पाया गया कि उसने व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी के रूप में जबरन पैसों की वसूली की. व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी वसूली के लिए उनसे एक सशक्त गिरोह तैयार कर रखा था.
यह गिरोह दिनेश गोप के निर्देश पर सुनियोजित तरीके से लेवी की वसूली करता था. इसके बाद लेवी के रूप में मिले पैसों को शेल कंपनियों के सहारे से बैंकों के जमा करता था. लेवी के रूप में मिले पैसों को शेल कंपनियों के सहारे बैंक में जमा करने का उद्देश्य नाजायज कमायी को जायज करार देने की कोशिश करना है. मामले की जांच के दौरान दिनेश गोप की नाजायज कमायी को देश की अर्थ व्यवस्था में शामिल करने वाली काफी शेल कंपनियों की पहचान की जा चुकी है.
इनमें से कुछ कंपनियां दिनेश गोप की दोनो पत्नियों के अलावा आपराधिक सहयोगियों का नाम पर बनायी गयी है. दिनेश ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कोलकाता के अलावा दूसरे राज्यों की भी शेल कंपनियों का सहारा लिया है. साथ ही इन पैसों के संपत्ति अर्जित की है. इसके अलावा लेवी के रूप में मिले पैसों का इस्तेमाल अत्याधुनिक हथियार खरीदने और संगठन को चलाने पर खर्च किया गया है. दिनेश गोप के मामले में आगे की जांच जारी है.
Leave a Comment