Ranchi : झारखंड के चर्चित शराब घोटाला मामले की जांच में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उत्पाद विभाग के तत्कालीन आयुक्त और वर्तमान में पूर्वी जमशेदपुर के डीसी करन सत्यार्थी से दो दिनों तक विस्तृत पूछताछ की है. करन सत्यार्थी को इस प्रकरण में गवाह के रूप में नहीं, बल्कि आरोपी की हैसियत से तलब किया गया था. उनके कार्यकाल के दौरान विजन और मार्शन नाम की कंपनियों में से एक की बैंक गारंटी फर्जी होने की बात सामने आई थी.
करन सत्यार्थी से एसीबी के सवाल
- - कंपनी द्वारा फर्जी बैंक गारंटी की जानकारी कब और कैसे प्राप्त हुई?
- - बैंक गारंटी की सत्यता की पुष्टि के लिए क्या उन्होंने जरुरी प्रक्रिया अपनाई?
- - जब यह संदेह उत्पन्न हुआ कि बैंक गारंटी फर्जी हो सकती है, तब उन्होंने क्या कदम उठाए?
- - यदि उन्हें इस फर्जी गारंटी की जानकारी उस समय नहीं हुई थी, तो जरूरी सावधानी क्यों नहीं बरती गई?
सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं, दोबारा बुलाने की तैयारी
एसीबी के सूत्रों के अनुसार, दो दिनों की पूछताछ के दौरान जमशेदपुर के डीसी करन सत्यार्थी ने उम्मीद के मुताबिक सहयोग नहीं किया है. कई सवालों के जवाब अस्पष्ट या टालमटोल करने जैसे दिए हैं. इस कारण, एसीबी अब उन्हें आगे की जांच के लिए फिर से बुलाने की तैयारी कर रही है.
ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सत्यार्थी की भूमिका को इस घोटाले में एक मुख्य आरोपी के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान ही एक फर्जी बैंक गारंटी की स्वीकृति और उपयोग से संबंधित फाइलों का निपटारा हुआ था. एसीबी की जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस पूरे प्रकरण में किसी प्रकार का सांठगांठ, शक्ति का दुरुपयोग या राजस्व हितों की जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की योजना तो नहीं थी.
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