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आधार ऑपरेटर्स का शोषण और वेतन बकाया: लेबर मिनिस्टर को सौंपा गया ज्ञापन

Ranchi: झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल (JEPC) के तहत कार्यरत एमकेएस एंटरप्राइजेज एजेंसी के आधार ऑपरेटर कर्मचारियों ने JEPC और एमकेएस एंटरप्राइजेज एजेंसी पर मिली भगत से काम करने का गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 


राज्य के विभिन्न जिलों में स्कूल छात्रों के आधार संबंधी कार्य में लगे ऑपरेटर्स ने लेबर मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उन्हें महीनों से नियमित वेतन नहीं दिया जा रहा है और साथ ही उनसे अनुचित ढंग से शोषण किया जा रहा है.

 

ऑपरेटर्स का कहना है कि

 

* कई महीनों से उनका नियमित वेतन रोक दिया गया है, जिससे उनके परिवार आर्थिक संकट में हैं.
* प्रत्येक ऑपरेटर से 50,000 रुपये की सुरक्षा राशि (बैंक ड्राफ्ट के रूप में) कंपनी द्वारा जबरन ली गई, लेकिन आज तक वापस नहीं की गई.
* काम के दौरान आने वाले आवश्यक खर्चे (जैसे यात्रा, इंटरनेट डेटा आदि) भी स्वयं वहन करना पड़ता है.
* उनके वेतन से EPF और ESI की कटौती तो की जाती है, लेकिन उसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है.
* स्कूल छात्रों और अभिभावकों से अवैध शुल्क वसूली की जा रही है.

 

ऑपरेटर्स ने आरोप लगाया है कि कंपनी की मनमानी और अवैध प्रथाओं के कारण उन पर भारी आर्थिक बोझ बढ़ गया है और उन्हें आंदोलन तक करने की स्थिति में धकेल दिया गया है.

 

ऑपरेटर्स की प्रमुख मांगें

 

1. मामले की गहन जांच कर कार्रवाई की जाए.
2. सभी ऑपरेटर्स का बकाया वेतन तुरंत दिलाया जाए.
3. 50,000 रुपये की सुरक्षा राशि तत्काल लौटाई जाए.
4. EPF और ESI की राशि सही ढंग से कर्मचारियों के खातों में जमा की जाए.
5. छात्रों से अवैध शुल्क वसूली रोकने की व्यवस्था की जाए.

 

ऑपरेटर्स का आक्रोश

 

ऑपरेटर्स का कहना है कि यदि शीघ्र ही उचित कदम नहीं उठाए गए तो वे मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे. उन्होंने सरकार से त्वरित हस्तक्षेप की अपील की है.

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