Ranchi : रांची जिले के अनगड़ा प्रखंड स्थित सिरका पंचायत में शिक्षा की एक नई अलख जल रही है. पूरनचंद फाउंडेशन द्वारा संचालित "पूरन की पाठशाला" ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को न केवल शिक्षित कर रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, जागरूक और संवेदनशील नागरिक भी बना रही है.
शिक्षा के जरिये हर चुनौती का किया जा सकता सामना
फाउंडेशन के सचिव अभिजीत कुमार का कहना है कि शिक्षा ही वह सशक्त माध्यम है, जिससे हर चुनौती का डटकर सामना किया जा सकता है. साथ ही जीवन में नया मुकाम हासिल किया जा सकता है. इसी सोच को साकार करते हुए संस्था गांव–गांव, गली–गली में शिक्षा की ज्योति फैलाने का कार्य कर रही है.
सिर्फ किताबी ज्ञान देना मकसद नहीं
"पूरन की पाठशाला" का मकसद सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है. यहां बच्चों में जिज्ञासा, सीखने की ललक और समाज के प्रति जिम्मेदारी को भी विकसित किया जाता है. सिरका पंचायत स्थित केंद्र का नेतृत्व प्रोफेसर संजय कुमार कर रहे हैं, जो फाउंडेशन के बोर्ड मेंबर भी हैं. उनके मार्गदर्शन में यह केंद्र नन्हे बच्चों के भविष्य को दिशा देने का कार्य कर रहा है.
सामाजिक बदलाव की नींव रख रही यह पहल
वर्तमान में "पूरन की पाठशाला" के कई नए सेंटर खुल चुके हैं और बड़ी संख्या में ग्रामीण बच्चे इससे लाभान्वित हो रहे हैं. यह पहल न केवल शिक्षा का स्तर बढ़ा रही है, बल्कि सामाजिक बदलाव की भी नींव रख रही है.
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