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फेयर माइंस पर नदी में जहर और हवा में धूल फैलाने के आरोप, पर्यावरण मंत्रालय में शिकायत

प्रतिकात्मक तस्वीर

Palamu : फेयर माइंस कार्बन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों को खुलेआम नजरअंदाज किए जाने का मामला सामने आने के बाद पर्यावरण मंत्रालय सहित अन्य संबंधित विभागों को वीडियो और फोटो साक्ष्य के साथ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत में कहा गया है कि खनन के लिए जरूरी शर्तों और पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है.

 

पड़वा क्षेत्र के ग्रामीणों और गौरव सिंह ने पत्र के माध्यम से कंपनी की गतिविधियों की शिकायत की है. साथ ही सरकार से सहायता की गुहार लगाई है. ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी सदाबाह नदी के भीतर घुसकर 15 मीटर का सेफ्टी बैरियर तोड़कर खनन कार्य कर रही है. खनन के दौरान निकलने वाला गंदा पानी पंप व पाइपलाइन के जरिए सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी प्रदूषित हो रही है.

 

बिना जिला वन कार्यालय के अनुमति के रैयती एवं सरकारी भूमि पर लगे पेड़ों की कटाई कर उन्हें मिट्टी में दबा दिया गया है. कोयला क्रशर और कोयला परिवहन से फैल रहे धूल व प्रदूषण को रोकने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किए गए हैं. जबकि पर्यावरण मंजूरी में ऐसा करना अनिवार्य था. ग्रामीणों का कहना है कि प्रदूषण के कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी, जल स्रोतों के दूषित होने और खेती पर नकारात्मक असर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

 

हाल ही में अंचल अधिकारी, पड़वा द्वारा कंपनी को 14 एकड़ 58 डिसमिल सरकारी भूमि पर अवैध खनन और कोयला भंडारण को लेकर नोटिस भी जारी किया गया है. इसके बावजूद कंपनी के कार्यों में कोई सुधार नहीं दिख रहा है.

 

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