Ranchi: मारवाड़ी कॉलेज में आज बड़े ही गरिमामय वातावरण में पांचवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डीके सिंह ने की. राज्यपाल, कुलपति एवं प्राचार्य को स्मृति चिन्ह व पौधे देकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय संगीत से हुई, जिसके पश्चात कॉलेज के प्राचार्य मनोज कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने कहा: 1980 में यह कॉलेज अभिभूत महाविद्यालय के रूप में स्थापित हुआ था. आज यह दो स्वतंत्र इकाइयों वाला एक सशक्त संस्थान है. 2009 में इसे स्वायत्त महाविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ और अब विद्यार्थियों को बेहतर प्लेसमेंट के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाता है. उन्होंने गर्वपूर्वक कहा कि जो पौधे लगाए थे, वे अब पेड़ बन चुके हैं.
इस समारोह में शैक्षणिक सत्र 2016–2019, 2017–2020 और 2018–2021 के स्नातक और पीजी विद्यार्थियों को डिग्री और उपाधियां प्रदान की गईं. साथ ही अकादमिक रूप से उत्कृष्ट छात्रों को स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को आशीर्वचन प्रदान किए और सभी को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा उपाधियां केवल शैक्षणिक प्रमाणपत्र नहीं हैं बल्कि आपके परिश्रम, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक हैं. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए करें.
राज्यपाल ने विकसित भारत 2047 के विज़न की चर्चा करते हुए युवाओं की भूमिका को अहम बताया. झारखंड के विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार की प्रतिबद्धता जताई और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों की उपलब्धियों की विशेष प्रशंसा की. साथ ही बेटियों की शैक्षणिक उपलब्धियों को सराहते हुए सभी छात्रों को आत्मविश्वास, विनम्रता और सेवा भावना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीके सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा पहला दिन याद करें जब आपने इस संस्थान में प्रवेश लिया था और आज आप ज्ञान, अनुशासन और मेहनत से समाज की सेवा के लिए तैयार हैं. हमारे विद्यार्थियों को अब 15 लाख रुपये तक के पैकेज मिल रहे हैं जिनमें TCS, Wipro जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.
अपने संबोधन का समापन उन्होंने एक प्रेरणादायक कविता के साथ किया:
“मुझे तोड़ हे वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जाएं वीर अनेक.”
समारोह में कॉलेज के शिक्षकगण, अधिकारी, सभी विभागों के छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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