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द्वितीय अनुपूरक बजट के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों से मांगा प्रस्ताव, 27 नवंबर तक उपलब्ध कराने का निर्देश

Ranchi:  झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र पांच दिसंबर से शुरू हो रहा है. आठ दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन में पेश होना है. इसको लेकर वित्त विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव और हेड ऑफ डिपार्टमेंट को पत्र लिखा है.

पत्र में कहा है कि द्वितीय अनुपूरक बजट के लिए 27 नवंबर (गुरुवार) को शाम पांच बजे तक वित्त विभाग को प्रस्ताव उपलब्ध कराएं. अनुपूरक बजट प्रस्ताव ऑनलाइन करने के पहले विभागीय मंत्री से अनुमोदन अवश्य प्राप्त कर लें.  

 

बजट प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश


केन्द्रांश और राज्यांश: केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत निर्धारित शेयरिंग पैटर्न के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार अपने-अपने हिस्से का योगदान देंगी.

 

टॉप-अप प्रावधान: राज्य अपने संसाधनों से अतिरिक्त व्यय के लिए "टॉप-अप" के रूप में प्रावधान कर सकती है.

 

बजट सुधार: वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट में किसी त्रुटिपूर्ण बजटीय उपबंध में सुधार की आवश्यकता होने पर प्रस्ताव प्राप्त किए जाएंगे.

 

बजटीय उपबंध: राज्य स्कीम, केन्द्रीय सेक्टर स्कीम और केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए बजटीय उपबंध करने संबंधी प्रस्तावों पर योजना एवं विकास विभाग की सहमति के बाद ही विचार किया जाएगा.

 

स्थापना व्यय और राज्य स्कीम: स्थापना व्यय और राज्य स्कीम के प्रस्तावों के साथ आवश्यक विवरण उपलब्ध कराए जाएंगे. यदि किसी इकाई में पहले से राशि का प्रावधान नहीं है, तो टोकन राशि की मांग की जाएगी और शेष राशि का उपबंध पुनर्विनियोग द्वारा किया जाएगा.

 

केंद्र प्रायोजित स्कीम और केंद्रीय सेक्टर स्कीम में बदलाव: यदि केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी में बदलाव होता है, तो बजट में संशोधन के लिए प्रस्ताव देना होगा.


पिछले वर्ष या चालू वित्तीय वर्ष में प्राप्त राशि: यदि पिछले वर्ष या चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार से राशि प्राप्त हुई है और उसका उपयोग नहीं किया गया है या राशि अपर्याप्त है, तो इसके लिए प्रस्ताव देना होगा.


आवश्यक प्रस्ताव: इन स्थितियों में संबंधित विभागों को आवश्यक प्रस्ताव देना होगा ताकि बजट में उचित प्रावधान किया जा सके.


आकस्मिक स्थिति: यदि कोई आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होती है, जिसके लिए प्रावधान करना अत्यंत आवश्यक है, तो ऐसे प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा.

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