Ranchi : Maxizone के निदेशक चंद्रभूषण सिंह और उसकी पत्नी प्रियंका सिंह के खिलाफ ठगी मामले में पांच राज्यों में प्राथमिकी दर्ज है. इस कंपनी पर ठगी मामले में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के थानों में प्राथमिकी दर्ज है.
Maxizone चिटफंड कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड नहीं थी. यह कंपनी Maxizone touch Pvt. Limited के नाम से रजिस्टर्ड थी. कंपनी का काम मार्केटिंग करना था. लेकिन यह कंपनी गलत तरीके से लोगों से पैसों का निवेश करने लगी. इसके लिए कंपनी की ओर से निवेशकों को कम समय में बेहतर रिटर्न देना का वायदा किया गया.
निवेशकों को आकर्षित करने और अपनी साख बनाने के उद्देश्य से कंपनी ने कुछ लोगों को कम समय में 15% से 20% तक रिटर्न दिया. इससे कंपनी के प्रति आकर्षण बढ़ा और लोगों ने निवेश करना शुरू किया.
निवेशकों को अपने जाल में फंसाने के बाद कंपनी के निदेशकों ने झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के अल्प आय वर्ग के लोगों के 521-600 करोड़ रुपये निवेश करवाया. इसके बाद कंपनी के निदेशक सभी स्थानों से अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गये.
फरार रहने की अवधि में चंद्रभूषण सिंह और उसकी पत्नी हमेशा अपना ठिकाना बदलते रहे. बाद में चंद्रभूषण ने अपना नाम बदल कर दीपक सिंह कर लिया. इस नये नाम से संबंधित फर्जी दस्तावेज बनवाया और नोएडा में रहने लगा. इस साल अगस्त महीने में उसे नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया गया.
झारखंड प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले में मनी लॉंड्रिंग के मामले की जांच के लिए जमशेदपुर के साकची थाने में दर्ज प्राथमिकी को ECIR के रूप में दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान ईडी ने पहली बार सितंबर 2025 में चंद्रभूषण से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा.
ईडी ने सितंबर में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बनारस, देहरादून और वैशाली में छापेमारी की. चंद्रभूषण सिंह बिहार के वैशाली जिले का मूल निवासी है. उसने अपने गृह जिले के अल्प आय वर्ग के लोगों को भी झांसा देकर ठगा है. ईडी द्वारा पहले की गयी छापेमारी में मिले तथ्यों के आधार पर आगे की जांच के लिए चार दिसंबर 2025 को दूसरी बार छापेमारी की गई.
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