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देवघर के तीन गांवों में नल जल योजना पर तीन करोड़ खर्च, पर 627 घरों को अब भी नहीं मिल रहा पानी

  • देवघर के तीन गांवों में पेयजल संकट
  • , सोशल ऑडिट में खुली अनियमितताओं की पोल

Ranchi : देवघर जिले के घघरजोरी, कल्हाजोर और रजदाहा तीनों गांवों में नल जल योजना में तीन करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च होने के बावजूद 279 परिवार आज भी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. स्थिति इतनी गंभीर है कि इन गांवों के छह विद्यालयों और पांच आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों तक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

 

रिकॉर्ड में दावा : 1277 परिवारों तक पहुंच चुका है नलजल

जल जीवन मिशन के ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार, जिले के लक्षित 1904 परिवारों में से 1277 घरों में नल जल कनेक्शन दिए जाने का दावा किया गया है. लेकिन जनसुनवाई में जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट सामने आई.

सोशल ऑडिट  : 16 टोलों में 455 परिवारों से ली गई जानकारी

29 नवंबर को घघरजोरी पंचायत में आयोजित जनसुनवाई में मनरेगा एवं खाद्य सुरक्षा योजनाओं के सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) विशेषज्ञ जेम्स हेरेंज की टीम ने बताया कि तीनों गांव के 16 टोलों में घर-घर जाकर किए गए सर्वे में पेयजल योजनाओं की गंभीर खामियां सामने आईं. भुक्तभोगी परिवारों ने अधिकारियों के समक्ष अपने बयान दर्ज कराते हुए अनियमितताओं की पुष्टि की.

40 पेयजल योजनाओं के 80% काम पूरा होने का दावा,फिर भी पानी नहीं

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, तीनों गांव में कुल 40 पेयजल परियोजनाओं पर कुल 540.53 लाख की लागत स्वीकृत है और अब तक 299.83 लाख रुपये खर्च होने का दावा किया गया है. सहायक अभियंता के मुताबिक, 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, पर ग्रामीणों को नल से पानी नहीं मिल रहा है.

खराब पड़े पेयजल स्रोतों का भी ‘फर्जी जांच रिपोर्ट’ में उल्लेख

जनसुनवाई में यह भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जो पेयजल स्रोत एक वर्ष से खराब पड़े हैं या भूजल उपलब्धता नहीं होने के कारण चालू ही नहीं हुए, उन्हीं स्रोतों के जल नमूनों की जांच रिपोर्ट विभाग ने सितंबर 2025 में अपनी वेबसाइट पर दर्ज कर रखी है. ग्रामीणों ने इसे लोगों के स्वास्थ्य से सीधा खिलवाड़ बताया है.

डीलरों पर 6 किलो राशन कटौती व 10 रुपये अवैध वसूली के आरोप

घघरजोरी गांव के 53 राशनकार्ड धारकों ने आरोप लगाया है कि राशन डीलर पूजा एवं कंचन स्वयं सहायता समूह प्रति माह लगभग 6 किलो खाद्यान्न की कटौती करते हैं और वितरण के दौरान हर कार्ड से 10 रुपये वसूलते हैं. ग्रामीणों ने इस संबंध में जिला शिकायत निवारण अधिकारी को आवेदन भी सौंपा है. अनुमान है कि दोनों डीलर समूह करीब 40–40 हजार रुपये के खाद्यान्न की हर महीने कालाबाजारी कर लेते हैं. आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 1 और 2 के महीनों से बंद रहने की शिकायतों की भी जनसुनवाई में पुष्टि हुई है.

 

15 दिन में पेयजल स्रोतों की मरम्मति व सप्ताह भर में राशन वापसी का आश्वासन

कार्यक्रम में उपस्थित सहायक अभियंता ने आश्वासन दिया कि 15 दिनों के भीतर सभी खराब पेयजल स्रोतों की मरम्मत कराई जाएगी. सहायक प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने एक सप्ताह के भीतर अवैध वसूली गई राशि लौटाने और कटे हुए राशन के पुनर्वितरण का भरोसा दिया है. वहीं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने भी आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही है.

क्या है जल जीवन मिशन?

जल जीवन मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2019 को की थी. इसका लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर देश के हर ग्रामीण परिवार को कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है. इसमें प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 55 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना शामिल है. झारखंड में यह मिशन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है.

 

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