Latehar : झारखंड के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में आगामी 11 नवंबर को उपचुनाव होना है. तत्कालीन विधायक सह शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के असमय निधन के बाद से यह सीट खाली हो गई थी. चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों के साथ घाटशिला में भी उपचुनाव कराने का ऐलान किया है.
इस बार घाटशिला उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशी मैदान में है. झामुमो ने दिवगंत रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि भाजपा ने चंपाई सोरेन के पुत्र बाबुलाल सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया है.
चुनाव प्रचार में सोमेश सोरेन को मिल रहा सबका अपार समर्थन
बातचीत के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि घाटशिला उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन की ऐतिहासिक जीत होगी. वह एक पढ़े-लिखे और सुलझे प्रत्याशी हैं.
बैद्यनाथ राम ने कहा कि उनके पिता दिवगंत रामदास सोरेन ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ किया है. क्षेत्र की जनता उन्हें खूब प्यार करती थी ओर इसका लाभ सोमेश चंद्र सोरेन को मिल रहा है. राम ने कहा कि वे पिछले कुछ दिनों से घाटशिला में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और उन्हें सबका अपार समर्थन मिल रहा है.
घाटशिला विधानसभा चुनाव का पिछला रिकॉर्ड
बता दें कि बाबूलाल सोरेन 2024 के घाटशिला विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी थे और उन्हें झामुमो के रामदास सोरेन ने 22446 वोटों से हराया था. रामदास सोरेन को 98356, जबकि बाबूलाल सोरेन को 75910 वोट मिले थे. जबकि 8092 वोट के साथ जेएलकेएम के रामदास मुर्मू तीसरे स्थान पर थे. इस बार भी रामदास मुर्मू जेएलकेएम प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
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