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पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 91 साल की उम्र में निधन, कांग्रेस में शोक की लहर

Lagatar Desk :  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने निवास देवघर में शुक्रवार सुबह करीब 6:30 बजे अंतिम सांस ली. जानकारी के अनुसार, शिवराज पाटिल लंबे समय से बीमार चल रहे थे और घर पर परिवार की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था.

 

कई वरिष्ट नेताओं ने किया शोक व्यक्त 

शिवराज पाटिल के निधन पर कांग्रेस समेत अन्य पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है. शोक व्यक्त करने वालों में सुप्रिया सुले, रणदीप सिंह सुरजेवाला, धीरज वी देशमुख, प्रो. वर्षा एकनाथ गायकवाड़ सहित कई नेता शामिल हैं. 

 

 

झारखंड के कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने भी शिवराज पाटिल के निधन पर संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि भगवान से प्रार्थना करता हूं कि दुखी परिवार को हिम्मत दें. शिवराज पाटिल बहुत अनुशासित नेता थे. वह अपने अनुशासित आचरण के लिए भी जाने जाते थे.

 

 

शिवराज पाटिल के घर पर भी नेताओं का तांता लगा है. सभी उनके अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंच रहे हैं. 

 

 

 

गृह मंत्री भी रह चुके हैं पाटिल

शिवराज पाटिल महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकुर इलाके से आने वाले एक प्रभावशाली और अनुभवशील कांग्रेस नेता थे. वे लातूर लोकसभा सीट से सात बार सांसद चुने गए और केंद्र सरकार में कई अहम जिम्मेदारियों पर रहे. वर्ष 1991 से 1996 तक वे लोकसभा अध्यक्ष भी रहे. 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया, जिसके बाद उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई.  

 

मुंबई हमले के बाद दिया था इस्तीफा

2008 के मुंबई आतंकी हमलों के दौरान शिवराज पाटिल देश के गृह मंत्री थे. इस दौरान उन्हें सुरक्षा में चूक को लेकर भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. 

 

इंदिरा और राजीव गांधी के भरोसेमंद सहयोगी

12 अक्टूबर 1935 को लातूर जिले के चाकुर में जन्मे शिवराज पाटिल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1967–1969 में लातूर नगर निगम से की. उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइंस में स्नातक और मुंबई यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की थी. वे इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों ही प्रधानमंत्रियों की सरकारों में महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके थे.

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