Ranchi : गोस्सनर एवं जेलिकल लुथरेन चर्च इन छोटानागपुर एंड असम का मुख्यालय परिसर बेथेसदा कंपाउंड ख्रीस्त गिरजाघर रांची एवं गोस्सनर मध्य विद्यालय परिसर जीइएल चर्च में महिलाओं के दो दिवसीय पुरोहिताई अभिषेक की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.
इसमें मध्यप्रदेश, बंगाल, छत्तीसगढ़,असम समेत अन्य राज्यों के महिला पुरोहित शामिल हुई. इसमें छह डायोसिस से विशप पादरी एवं विश्वासियों ने हिस्सा लिया. बुधवार को महिला पादरियों के पुरोहिताई अभिषेक की 25वीं सिल्वर जुबली महोत्सव का आगाज हो गया.
इस अवसर पर चर्च परिसर में धन्यवाद आराधना सभा का आयोजन किया गया. इससे पहले जुबली पत्थर का अनावरण किया गया. इसमें 52 महिला पादरियों के नाम लिखा गया है. इसके साथ ही प्रमुख लोगों का नाम भी अंकित है.
मोडरेटर हाउस से पारंपरिक विधि विधान से पारंपरिक वाद्ययत्र के साथ शोभायात्री निकाली गई. इसमें सबसे आगे नृत्य मंडली, बिशप और महिला पादरी मौजूद थे.
तीन महिला पादरी के अभिषेक से समाज में पेश की नई मिसाल
कार्यक्रम में शामिल महिला पादरियों ने बताया कि वर्ष 26 अक्टूबर को 2000 ई में पहली बार तीन महिला पादरियों का अभिषेक हुआ था, जिसने मसीही समाज में एक नई मिसाल कायम की. तब से लेकर अब तक 25 वर्ष का सफर चुनौतियों, समर्पण और सेवा की मिसाल बन चुका है.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
कार्यक्रम के दौरान महिला पादरियों ने कहा कि पहले केवल पुरुषों को बिशप या पादरी बनने का अवसर मिलता था, लेकिन अब महिलाएं भी टोला स्तर से लेकर डायसिस तक की जिम्मेदारी निभा रही हैं.
वचन प्रचार और आध्यात्मिक सेवा में महिलाओं को पूरा सम्मान और स्वतंत्रता मिली है. उन्होंने कहा कि यह अवसर महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है.
आज महिला पादरी भी पुरुष पादरियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रभु यीशु मसीह की अगुवाई में कार्य कर रही हैं. सभी पादरियों ने प्रभु का धन्यवाद करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में भी वे पूरे हर्षोल्लास और समर्पण के साथ प्रभु की सेवा करती रहेंगी.
मौके पर मोडरेटर मार्शल केरकेट्टा, बिशप एमपी बिलुंग, बिशप सीमांत तिर्की, पूर्व बिशप जॉनसन लकड़ा, बिशप दीपक केरकेट्टा, महासचिव ईश्वर दत कंडुलना, पादरी निरल बागे समेत अन्य शामिल थे.
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