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घाटशिला उपचुनाव : BJP से बाबूलाल सोरेन, JMM से रामदास सोरेन के बेटे का नाम लगभग तय

  • भाजपा और झामुमो जल्द करेगी उम्मीदवार के नाम का औपचारिक ऐलान

Ranchi :  झारखंड का बहुचर्चित घाटशिला उपचुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. इस सीट पर किसे टिकट मिलेगा, इसे लेकर तमाम अटकलों के बीच अब तस्वीरें लगभग साफ हो गई हैं.

 

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन का नाम लगभग तय माना जा रहा है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की ओर से विधायक रहे स्वर्गीय रामदास सोरेन के पुत्र को मैदान में उतारने की तैयारी है. दोनों दलों की ओर से औपचारिक घोषणा जल्द होने की संभावना है.

 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि घाटशिला उपचुनाव एनडीए बनाम यूपीए का सीधा और रोचक मुकाबला होगा, जहां भाजपा पिछली बार की हार की भरपाई के लिए पूरी ताकत झोंकती नजर आएगी. वहीं झामुमो इस सीट को हर हाल में बचाने की कोशिश करेगी.

 

भाजपा में सस्पेंस खत्म होने की कगार पर, बाबूलाल सोरेन आगे

भाजपा ने घाटशिला सीट को लेकर लंबी मंथन प्रक्रिया शुरू की थी. पार्टी सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद अब बाबूलाल सोरेन का नाम लगभग तय हो चुका है.

 

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का मानना है कि घाटशिला की जनता इस बार हेमंत सरकार की नाकामियों के खिलाफ वोट करेगी. भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए एनडीए पूरी तरह एकजुट है.

 

सूत्रों के मुताबिक, बाबूलाल सोरेन के साथ-साथ जिन नामों पर चर्चा चली, उनमें सीता सोरेन की पुत्री जयश्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा शामिल थीं. लेकिन अंततः बाबूलाल सोरेन रेस में सबसे आगे निकल गए हैं.

 

झामुमो भी तैयार, रामदास सोरेन के बेटे को मिल सकता है टिकट

उधर, झामुमो ने भी अपने पत्ते लगभग खोल दिए हैं. पार्टी के भीतर से मिल रही जानकारी के अनुसार, पूर्व विधायक रामदास सोरेन के पुत्र को उम्मीदवार बनाया जाना तय माना जा रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि युवा चेहरे को मैदान में उतारकर झामुमो स्थानीय मतदाताओं के बीच परिवारिक और क्षेत्रीय जुड़ाव का लाभ उठाना चाहती है. इस पर अंतिम मुहर हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली झामुमो की कोर कमिटी बैठक में लगेगी.

 

13 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया, मुकाबला होगा कड़ा

घाटशिला सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी, जिसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है और पारंपरिक रूप से झामुमो का गढ़ मानी जाती रही है.

 

पिछले विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन (झामुमो) को 98,356 वोट मिले थे. जबकि भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को 75,910 वोट हासिल हुए थे. जेएलकेएम के रामदास मुर्मू 8,092 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

 

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